जगदलपुर (डेस्क) – छत्तीसगढ़ में बस्तर की जीवनदायिनी कहे जाने वाली इंद्रावती नदी को लेकर बस्तर सांसद महेश कश्यप एक्टिव मोड पर है. लगातार बस्तर सांसद इंद्रावती नदी के विषयों पर कार्य कर रहे है. विगत दिनों में सांसद कश्यप के द्वारा बस्तर के इंद्रावती जल संकट मामले को लोकसभा में उठाया गया था, साथ ही जल्द इस मामले का निपटारा करने हेतु केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से सांसद ने आग्रह किया था. छत्तीसगढ़ सरकार व बस्तर के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से बस्तर को समझौते के मुताबिक जल मिलने लगा.

जगदलपुर में छत्तीसगढ़ व ओडिसा राज्यों के जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों की बैठक में इंद्रावती नदी को वापस स्वरूप में लाने के लिए कार्ययोजना तैयार किया गया है. जगदलपुर सर्किट हाऊस में बस्तर सांसद महेश कश्यप व नवरंगपुर सांसद बलभद्र मांझी व कोटपाड़ विधायक रूपु भतरा सहित दोनों राज्यों के अधिकारियों की मौजूदगी में बैठक संपन्न हुई हैं. इस बैठक में जोरा नाला स्ट्रक्चर सहित अन्य कई विषयों पर चर्चा हुई. इस बैठक में इंद्रावती जल संकट मामले का प्रमुख कारण ओडिसा में इंद्रावती नदी के जल से हो रहे बिजली उत्पादन को बताया गया है. बस्तर सांसद महेश कश्यप ने बताया कि जगदलपुर में ओड़िसा के सांसद व विधायक महोदय के साथ इंद्रावती सहित अन्य विषयों पर चर्चा हुई है. इस दौरान इंद्रावती नदी को वापस प्रवाह में लाने के लिए हमने ओड़िसा राज्य के जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक में कई स्वरूप तैयार किया हैं. हमारे द्वारा कालाहांडी डैम के एक गेट को खुला रखने की मांग की है जिससे इंद्रावती के प्रवाह में कोई कमी ना हो पाये. वही ओड़िसा – छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित गाड़ाघाट पुलिया को ले कर भी चर्चा हुई हैं. गाड़ाघाट – तिरिया पुलिया जो को ओड़िसा सरकार द्वारा बनाना प्रस्तावित है. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य के कुछ क्षेत्रों में फारेस्ट जमीनों के कारण यह कार्य रुका हुआ था. इस बैठक में बस्तर जिले के फारेस्ट अधिकारियों व ओड़िसा राज्य के अधिकारियों के सहयोग से जल्द ही यह कार्य पूर्ण होगा. श्री कश्यप ने कहा कि बस्तर के विकास को लेकर डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध हैं. दोनों राज्यों के सरकार के सहयोग से जल्द ही इंद्रावती नदी अपने पूरे प्रवाह के साथ बस्तर में बहेगी.

इस दौरान बस्तर सांसद महेश कश्यप, नवरंगपुर सांसद बलभद्र मांझी, कोटपाड़ विधायक रूपु भतरा, बस्तर अपर कलेक्टर सीपी बघेल, फारेस्ट अधिकारी देवलाल दुग्गा सहित ओड़िसा राज्य के रेवेन्यू अधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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