जगदलपुर (डेस्क) – छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था पर मंडरा रहे संकट और सरकार की गैर – जिम्मेदाराना नीतियों के विरोध में आज राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम विष्णु देव साय के नाम एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा.

एनएसयूआई ने शिक्षा के युक्तियुक्तकरण, शिक्षक भर्ती में वादा खिलाफी, आत्मानंद विद्यालयों को बजट से वंचित करने, शासकीय विद्यालयों को विद्युत बिल नोटिस भेजने तथा CTET परीक्षा परिणाम में अनुचित विलंब जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

मुख्य बिंदु – शिक्षा के प्रति असंवेदनशीलता

एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष अदित्य सिंह बिसेन ने इस मौके पर कहा कि भाजपा सरकार द्वारा 10464 शासकीय विद्यालयों को बंद करने और 35000 शिक्षकों की नौकरियों को खत्म करने का प्रस्ताव न केवल शिक्षाविरोधी है, बल्कि संविधान में प्रदत्त शिक्षा के अधिकार का सीधा उल्लंघन करता है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी और पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा से दूर किया जाएगा.

शिक्षक भर्ती के चुनावी वादे पर भी एनएसयूआई ने सवाल उठाया. संगठन ने स्पष्ट किया कि 57000 शिक्षकों की भर्ती का वादा मात्र एक राजनीतिक जुमला बनकर रह गया है. सरकार ने अभी तक कोई ठोस प्रक्रिया शुरू नहीं की, जिससे लाखों शिक्षित बेरोजगार युवा निराश हैं.

बजट कटौती और बिजली बिल नोटिस पर आक्रोश

एनएसयूआई ने कहा कि स्वामी आत्मानंद विद्यालयों को समय पर बजट जारी नहीं किया जा रहा, जिससे संस्थानों का संचालन प्रभावित हो रहा है. वहीं शासकीय विद्यालयों को बिजली विभाग द्वारा नोटिस भेजकर विद्युत कनेक्शन काटने की चेतावनी दी गई है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. संगठन ने इसे प्रशासनिक असंवेदनशीलता करार दिया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की.

CTET परीक्षा परिणाम में अनुचित विलंब 

ज्ञापन में बताया गया कि CTET परीक्षा का परिणाम एक वर्ष बाद भी जारी नहीं हुआ है, जिससे हजारों अभ्यर्थी मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से शोषित हो रहे हैं. यह संविधान के अनुच्छेद 16 के तहत समान रोजगार के अधिकार का उल्लंघन है.

एनएसयूआई की पांच प्रमुख मांगे :-

1. युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया को स्थगित कर बंद हुए विद्यालयों को पुनः प्रारंभ किया जाए.

2. 57000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाए.

3. आत्मानंद विद्यालयों को पर्याप्त बजट तुरंत आवंटित किया जाए.

4. शासकीय विद्यालयों को भेजे गए विद्युत बिल नोटिस निरस्त किए जाएं.

5. CTET परीक्षा परिणाम अविलंब जारी किया जाए.

एनएसयूआई ने राज्य सरकार से अपील की कि छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को बचाने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए. यदि जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो एनएसयूआई व्यापक स्तर पर आंदोलन करेगी.

इस दौरान जिलाध्यक्ष विशाल खम्बारी, महासचिव मनोहर सेठीया, प्रदेश सचिव शेक अयाज, आदर्श नायक नगर निगम पार्षद लोकेश चौधरी, विश्वविद्यालय अध्यक्ष पंकज केवट, युवा नेता फैसल नेवीं ब्लॉक अध्यक्ष कर्त्तव्य आचार्य, महाविद्यालय अध्यक्ष कुनाल पटेल, जिला महासचिव दीपेश पांडे, रेहान रिजवी उपस्थित थे.

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