सुकमा (नवीन कश्यप). जिला आए दिन सुर्खियों में रहता है इस बार जिले में पदस्थ उप संभागीय डाक निरीक्षक के खिलाफ ग्रामीण डाक सेवकों से अभद्रता और स्टाफ से रिश्वत लेने का मामला सामने आने से सुर्खियों में आया है. दरअसल नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्यरत डाक सेवकों द्वारा कई परेशानियों का सामना करने के बावजूद भी इन इलाको में ईमानदारी से कार्य किया जा रहा है. लेकिन इस बीच एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें बीपीएम और एबीपीएम कर्मचारियों से चेकिंग के नाम पर पैसे की मांग करने के साथ ही अभद्रता करते हुए नौकरी से निकाल देने की धमकी दिए जाने का आरोप लगाया है.
तीन महीने से अधूरा है जांच,अधिकारी नही दे रहे है ध्यान
विशाल साहु मिचवार डाकघर के बीओ ने बस्तर फाइल्स से चर्चा करते हुए बताया की 24 जून सोमवार को जांच के लिए सुरेश मदुरी 11 से 12 बजे पहुंचे और जांच सही पाया गया. लेकिन देर रात सब इंस्पेक्टर विनोद ध्रुव व एमओ सुरेश मदुरी मेरे रूम में पुन: आ कर मुझसे जांच करने की बात कहते हुए अभद्रता से बात करते हुए कहने लगे कि तुमको पेन सही से पकड़ना नहीं आता तुम डिस्प्लेन में नहीं रहते हो और गाली देते हुए रिकॉर्ड को जप्त कर अपने साथ ले गए. और दो माह का वेतन देने की डिमांड करने लगे. जब मेरे द्वारा डिमांड की गई रिश्वत की राशि नहीं देने पर दो दिन बाद सस्पेंड कर नौकरी से निकाल दिया गया. इससे परेशान हो कर जगदलपुर हेड ऑफिस दस बार जाने के बाद दो बार ही अधिकारी मिले और इस मामले की जांच करने की बात कही थी. लेकिन आज तक तीन माह बीत जाने के बाद भी जांच शुरू नही की गई है. जांच अधूरा होने के कारण मुझे तीन महीने से वेतन नही मिल रहा है काफी दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है. जीवन यापन करने के लिए पैसे घर से मगवा रहा हूं, और अपना गुजारा कर रहा हूं. डाकपाल के सही जानकारी देने के पश्चात भी निजी मकानों में जाकर सरकारी दफ्तरों का सहारा लेकर कर्मचारियों से रिश्वत की मांग अधिकारियों के द्वारा किया जाता है एवं दुर्व्यवहार किया जाता है. वहीं ग्रामीण डाक सेवकों की ड्यूटी तीन से चार घंटे की होती है, लेकिन अधिकारियों का हवाला देकर सात से आठ बजे रात्रि के समय में निरीक्षण किया जाता है. उप संभागीय निरीक्षक सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार ध्रुव सहित ( MO ) सुरेश मदुरी के द्वारा मानसिक प्रताड़ित भी किया जाता है. जब भी वह निरीक्षण में जाते हैं, दस हजार से पंद्रह हजार रुपए की मांग की जाती है. कर्तव्यनिष्ठता, कर्मठता,सजगता एवं कार्यालयीन समय पर ईमानदारी के साथ काम करने पर भी किसी तरह नुक्स निकालकर डाक कार्मिकों से रुपयों की मांग करते हैं. जिससे हम सब काफी परेशान हो चुके हैं. खुद भी प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं. ऐसे अधिकारी के नेतृत्व में हम काम कर पाने में सक्षम नहीं हैं.
डाक सेवकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे अधिकारी, निरीक्षण के नाम पर रिश्वत की मांग करते
भारतीय डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक बीपीएम के पद पर कार्यरत् है. डाक सेवकों द्वारा कार्य को पूरे कर्तव्यनिष्ठता, कर्मठता, सजगता एवं कार्यालयीन समय पर ईमानदारी के साथ किया जाता है. सुकमा उपसंभागीय निरीक्षक डाक विनोद कुमार ध्रुव एवं डाक अधिदर्शक सुरेश मदुरी के द्वारा हम ग्रामीण डाक सेवकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना, निरीक्षण के नाम पर पैसों का डिमाण्ड करना, अपशब्दों का उपयोग करना, नौकरी से निकालने की धमकी देना, बेवजह परेशान करना, अनौपचारिक समय पर ग्रामीण डाक सेवकों के निवास स्थान पर आकर डराना, धमकाना, निरीक्षण के नाम पर हमेशा अवैध उगाही करना एवं दुर्व्यवहार किया जाता है. और उनकी इस अव्यवहारिक डिमाण्ड को पूरा न करने पर सस्पेंड कर देने की बात कही जाती है.
मुझे पर लगाए गए आरोप निराधार हैं
वही इस पूरे मामले की जानकारी लेने संबधित विभाग के अधिकारी विनोद ध्रुव उप डाक निरीक्षक से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा नियमों के दायरे में रह कर कार्य किया जा रहा है आपके माध्यम से मुझे पता चला है कि इस तरह के आरोप मुझ पर लगाया जा रहे हुआ जो निराधार है मेरे द्वारा हुई त्रुटीयों को सुधार किया जाएगा.
कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में सूबे के मुखिया सीएम विष्णुदेव साय ने कहा था भाषा पर रखे संयम
प्रदेश में हाल ही में हुए कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में सूबे के मुखिया सीएम विष्णुदेव साय ने कड़े तेवर दिखाते हुए दो टूक में कहा था कि अधिकारी अपनी भाषा पर संयम रखें ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, नहीं तो मैं करूंगा. इसके बावजूद सुकमा जिले के उप संभागीय डाक निरीक्षक द्वारा अपने कर्मचारियों से अभद्रता करने का मामला सामने आया है. अधिकारी सीएम के निर्देश की अवेहलना करते नजर आ रहे हैं.