सुकमा- छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के अंदरूनी इलाकों में नए सुरक्षाकैम्प स्थापित करने के बाद कैम्प और स्थानीय लोगों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए लगातार पुलिस प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में सुकमा जिले के 2 नक्सल प्रभावित गांव दुलेर गांव और मुर्क़राजकोंडा में मोबाइल टॉवर स्थापित किया गया. जिओ के मोबाइल टॉवर स्थापित होने से नक्सली मोर्चें पर तैनात जवानों और स्थानीय लोगों को नेटवर्क मिलेगा. और ग्रामीण मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़ेंगे. 4 दशकों से बस्तर में काबिज नक्सलवाद के कारण अंदरूनी इलाको में विकास कार्य ढप रहा. लेकिन जैसे जैसे अंदरूनी इलाकों में नए सुरक्षाकैम्प स्थापित किया जा रहा है. सड़क पुल, पुलिया और मोबाइल कनेक्टिविटी में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. यह 2 कैम्प करीब 1 साल के भीतर स्थापित किया गया था. और 1 साल के अंदर मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए काम किया गया. बिजली और मोबाइल नेटवर्क के पहुंचने के स्थानीय लोगों में उम्मीद की किरण जग गई.
द्वितीय बटालियन के कमांडेंट रतिकांत बेहरा ने बताया कि बिजली और मोबाइल नेटवर्क मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है. इन सुविधाओं के नहीं होने से स्थानीय छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकार में था. वहीं स्थानीय किसान खेती के लिए केवल मौसम पर ही निर्भर रहते थे. मोबाइल नेटवर्क नही होने से ग्रामीण देश और दुनिया से कटे हुए थे. मोबाइल नेटवर्क की सुविधा मिलने से स्थानीय ग्रामीण आपात स्थिति में सुरक्षाबल के जवानों से संपर्क मोबाइल के जरिये कर सकते हैं. जिससे समय पर विभिन्न सुविधाएं पहुंचाया जा सकें.