चेतन कापेवार बीजापुर – सरकार ने धरना, रैली व आंदोलन में प्रतिबंध लगाते हुए गाइडलाइन जारी किया है। जिसे भाजपा ने काला कानून बताते हुए जेल भरो आंदोलन कर पूर्व मंत्री गागड़ा सहित सैकड़ों भाजपाइयों ने गिरफ्तारी दिया। विदित हो की राज्य की भूपेश सरकार ने धरना प्रदर्शन, रैली व आन्दोलन के लिए नया गाइडलाइन जारी किया है जिसे भारतीय जनता पार्टी ने काला कानून करार देते हुए बीजापुर भाजपा ने एकदिवसीय धरना देते हुए जेल भरो आन्दोलन कर पूर्व कैबिनेट मंत्री गागड़ा समेत सैकड़ों भाजपाइयों ने गिरफ्तारी देकर विरोध प्रदर्शन किया।
धरना प्रदर्शन में भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार ने क्षेत्र में हो रही भ्रष्टाचार को लेकर स्थानीय विधायक को भ्रष्टाचारी बताते हुए भाजपा काल में हुए विकास और कांग्रेस के तीन साल मे हुई विकास पर बहस की चुनौती दिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री महेश गागड़ा ने धरना प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सरकार के धरना रैली के लिए जारी गाइडलाइन को काला कानून बताया, अंग्रेजों ने भारतीयों की आवाज को दबाने जिस कानून को बनाया था आज स्वतंत्र समाज में वही कानून से जनता की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। सरकार के प्रति जनता की बड़ती आक्रोश को देखते हुए भूपेश बघेल ने जनाक्रोश को रोकने के लिए यह कानून लाई है परन्तु भाजपा इसे राज्य में चलने नही देगी।
गागड़ा ने आगे स्थानीय मुद्दों पर विधायक को घेरा है इस दौरान उन्होंने स्थानीय विधायक को कमीशनखोर बताया,अपनी स्वार्थ साधने के लिए जनता की आवश्यकताओं को दरकिनार कर विधायक अपनी स्वार्थसिद्धि में लीन है। ऐसे विधायक को दोबारा चुनकर पाप नही करना है इसलिए जागरूकता दिखाते हुए आने वाले समय में मुहतोड़ जवाब देना है। गागड़ा ने विधायक पर आदिवासियों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा है की विधायक आदिवासियों से अनेक वादा किया था लेकिन आज सत्ता मिलते ही मुकर गया हैं ऐसा विधायक जो किसी का नही है उन्हे पुनः चुनने का कोई औचित्य ही नही है। धरना के बाद रैली के शक्ल में हजारों भाजपाई कलेक्टर कार्यालय घेरने निकले थे लेकिन पुलिस मुस्तैद रही जो इंदिरा मार्केट के पास बैरिकेट बनाकर रखी थी जहां कार्यकर्ताओं को रोका गया और अस्थाई जेल मिनी स्टेडियम में रखने बाद जमानत मुचलके पर पूर्व मंत्री गागड़ा सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को छोड़ा गया।