ओलम नागेंद्र, सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक आसपास गांवों में लगने वाले साप्ताहिक बाजारों में इन दिनों तेलंगाना से पहुंच रहे फुटकर व्यापारियों द्वारा स्थानीय ग्रामीणों से वनोपज की खरीदी के नाम पर जमकर ठगी की जा रही है। और ग्रामीणों को भारी-भरकम नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

दरअसल कोण्टा ब्लॉक के किस्टाराम, गोलापल्ली व सुकमा के अंदरूनी क्षेत्रों के निवासियों के लिए वनोपज ही एक मात्र सहारा होता है। जिससे ग्रामीण अपना जीवन यापन करते हैं। जिसके देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने कुल 52 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने का निर्णय लिया गया था। सरकार द्वारा समर्थन मूल्य निर्धारित किये जाने के बावजूद छत्तीसगढ़ सीमा पर बसे सभी साप्ताहिक बाजारों में तेलंगाना से पहुंचने वाले दर्जनों फुटकर व्यापारियों द्वारा गरीब ग्रामीणों की मजबूरी व उनकी कमजोरी का नाजायज फायदा उठाते हुए औने-पौने दामों में वनोपज का खरीद फरोख्त कर रहे है। सरकार की निर्धारित तय मूल्य में खरीदी नहीं करने के साथ ही डिजिटल काटा (तराजू) के मापदंडों पर भी हेराफेरी करके ग्रामीणों को आर्थिक रूप से भारी नुक्सान पहुंचाया जाता है।

छत्तीसगढ़ के व्यापारियों का कहना-
तेलंगाना से दर्जनों फुटकर व्यापारी छत्तीसगढ़ में आकर वनोपज खरीद फरोख्त करते हैं उनके पास खरीदी करने का कोई लाइसेंस या दस्तावेज नहीं है और ना ही खरीदी को लेकर वन विभाग ने इन्हें कोई लेटर जारी नहीं किया है, ऐसे में साप्ताहिक बाजार में पहुंचने वाले ग्रामीणों से इमली, महुआ, टोरा और अन्य वनोपज औने पौने दाम में खरीद कर उसे तेलंगाना में ऊंचे दामों पर बेचते हैं। फुटकर व्यापारी ने खुद यह स्वीकार किया है कि तेलंगाना राज्य से 30 से 40 फुटकर व्यापारी छत्तीसगढ़ के अलग-अलग गांव से पहुंचते हैं और अपनी दुकान साप्ताहिक बाजारों में लगाते हैं, अपने बयान में भी फुटकर व्यापारी खुद स्वीकार करते हुए दिखे कि खरीदी में वे ऊपर नीचे करते है, और इन व्यापारियों के ऊपर नीचे से ग्रामीण भारी नुकसान हो रहा है, ग्रामीणों का भी कहना है कि रोजमर्रा जीवन जीने के लिए वनोपज को इन फुटकर व्यापारियों को नहीं चाहते हुये भी मजबूरी में बेचना पढ़ रहा है।

इस पूरे मामले पर जब हमने कोंटा के तहसीलदार सिरमौर से बात की तो उनका कहना था कि उन्हें भी यह जानकारी मिली है कि फुटकर व्यापारियों द्वारा बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से छत्तीसगढ़ सीमा किस्टाराम गोलपल्ली में प्रवेश कर ग्रामीणों से वनोपज ओने-पौने दामों में खरीदा जा रहा है। साथ ही डिजिटल तराजू के तौल में भी गड़बड़ी की शिकायत उन्हें मिली है। जिन पर जल्द ही कार्यवाही की जाएगी।