जगदलपुर (डेस्क) – बस्तर जिले में पहली बार पुलिस ने साइबर क्राइम के मामले में एक साइबर फ्रॉड को शहर से गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. इसके साथ ही पुलिस ने जनता से ऐसे मामलों में सावधानी बरतने की अपील की है.

सीएसपी आकाश श्री श्रीमाल ने बताया कि इंडियन साइबर क्राइम को – ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) और पुलिस मुख्यालय रायपुर से साइबर क्राइम के लिए इस्तेमाल किए जा रहे बैंकों के म्यूल खातों की लिस्ट पर जिले में कार्यवाही करने के निर्देश मिले है. इसी क्रम में बस्तर आईजी सुंदरराज पी. और एसपी शलभ सिन्हा के दिशा निर्देश पर साइबर क्राइम पोर्टल से प्राप्त म्यूल बैंक खातों की जांच साइबर सेल और पुलिस की एक संयुक्त टीम के द्वारा शुरू की गई है. जांच के दौरान टीम को एक व्यक्ति के बैंक खाते में संदिग्ध रूप से लेनदेन की जानकारी हाथ लगी. जिसके बाद टीम ने जिले के भानपुरी निवासी बलराम कश्यप नाम के एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुलाया. पूछताछ में बलराम ने पुलिस को बताया कि जगदलपुर शहर निवासी लप्पी उर्फ भव्य नाहटा और गोंचू विश्वकर्मा निवासी दुबे उमरगांव ने बीते दिनों उसे रुपयों का लालच देकर बताया कि बाजार में एक नई प्राइवेट कंपनी आई है. जिसमें बैंक खाता खोलकर देने पर हर महीने 3 हजार मिलेंगे. जिसके बाद बलराम ने अपने दो दोस्तों हीरालाल और तुलसी पोयाम के नाम पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र (जगदलपुर) में खाता खुलवा लिया. खाता खुलवाने के कुछ दिनों बाद ही लप्पी उर्फ भव्य नाहटा ने खाते में रुपये आने वाले है कहकर उनसे उनका एटीएम कार्ड और बैंक से मिले पासबुक और अन्य कागजात ले लिए. इसके बाद लप्पी लगातार बलराम को रुपये देने के नाम पर ठगता रहा. बलराम की बातें सुनने और जांच करने के बाद पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने उसको और उसके दोस्तों के बैंक खातों को साइबर क्राइम में इस्तेमाल किये जाने की जानकारी दी. टीम ने उसे बताया कि इन खातों में साइबर फ्रॉड के नाम पर देश के अलग अलग राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और तेलांगाना में अपराध दर्ज हो चुके है. जानकारी मिलने के बाद हैरान बलराम ने तुरंत ही लप्पी के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस और साइबर सेल की टीम ने आरोपी लप्पी उर्फ भव्य नाहटा को गिरफ्तार कर लिया है. इसके साथ ही टीम आरोपी के द्वारा उक्त बैंक खातों से किये गए सभी तरह के लेनदेन और उसके द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सभी बैंक खातों की जांच कर रही है.

क्या है म्यून बैंक खाता ?

म्यूल अकाउंट ऐसे बैंक अकाउंट होते हैं जिनका इस्तेमाल जालसाज अपराध से मिले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं. आजकल, बड़ी संख्या में नकद रखने या इस्तेमाल करने के लिए बहुत सख्त कानून हैं. इसलिए, अगर वे अपने खुद के अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं, तो KYC नियमों की वजह से उन्हें पकड़ना आसान होता है. वे तुरंत पकड़े जा सकते हैं. इस समस्या से बचने के लिए अपराधी किसी तीसरे व्यक्ति के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं. हो सकता है कि इस तीसरे व्यक्ति को पता भी न हो कि वे अपराधियों के लिए काम कर रहे हैं। इनके खाते का इस्तेमाल Money Mule की तरह होता है. सूत्रों की अगर माने तो इस तरह खाते ज्यादातर हवाला करोबार में इस्तेमाल होते है.

बस्तर पुलिस की अपील

बस्तर पुलिस ने किसी भी व्यक्ति के कहने पर बैंक से सम्बंधित महत्वपूर्ण कागजात किसी को भी नही देने की सलाह दी है. बैंक खातों में यदि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गए रुपए हो तो उसकी सूचना पुलिस या साइबर सेल को दें. खाताधारकों से पुलिस ने अपील करते हुए कहा है कि पैसे के लालच में बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड किसी भी अन्य व्यक्ति को न दें अन्यथा खाताधारकों के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है. वहीं एसपी शलभ सिन्हा ने सभी बैंकों को बैंक में खाता खुलवाते समय आरबीआई के गाइडलाईन का पालन करने के निर्देश दिए है. पुलिस ने खाताधारकों को समय समय पर अपने खातों में हो रहे लेनदेन को मॉनिटर करने और खाते को म्यूल एकाउंट बनने से रोकने की सलाह दी है. इसके साथ ही पुलिस ने किसी भी प्रकार के साइबर फ्रॉड होने की स्थिति में 1930 पर कॉल करने की हिदायत दी है.

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