सुनील कश्यप, जगदलपुर- भारत सरकार के संरक्षित वन्य जीव प्राणी की सूची में शामिल पैंगोलिन की तस्करी करने वाले 3 तस्करों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। वहीं 13 आरोपी तस्कर फराफ हैं। जिनकी तलाश जारी है।

दरअसल उड़ीसा सीमा से लगे कोलावल इलाके में विलुप्त प्रजाति पैंगोलिन के तस्करी करने की सूचना वन विभाग को मुखबिर से मिली थी। जिसके बाद वन विभाग ने 2 टीम का गठन कर कार्रवाई के लिए रवाना किया। जिसके बाद कड़ी मशक्कत करते हुए टीम ने 9 घंटे काटकर तस्करों को धर दबोचा। इस कार्रवाई में टीम ने 3 तस्करों को गिरफ्तार किया है। साथ ही अन्य 13 आरोपी तस्कर मौके से फराफ होने में कामयाब हो गए। जिनकी तलाश जारी है।

तस्करों के कब्जे से मिले जीवित पैंगोलिन जिसका वजन 17 किलोग्राम है। जिसकी अनुमानित कीमत 10 लाख 54 हजार रु में तस्करों ने सौदा किया था। विलुप्त प्रजाति इंडियन पैंगोलिन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है। यही वजह है लगातार उड़ीसा छत्तीसगढ़ बॉर्डर में पैंगोलिन की तस्करी को अंजाम देते हैं। और इन क्षेत्रों में लगातार वन विभाग तस्करों से पैंगोलिन को जब्त करने में सफलता हासिल की है। जिसे सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा गया है। वन मंडलाधिकारी केशव साहू ने बताया कि इंडियन पैंगोलिन को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की लाल सूची में संकटग्रस्त जबकि चीनी पैंगोलिन को गंभीर संकटग्रस्त की श्रेणी में रखा गया है। इन दोनों प्रजातियों को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के भाग 1 की अनुसूची 1 के तहत सूचीबद्ध किया गया है। इनकी घटती जनसंख्या को देखते हुए भारत सरकार ने इन्हें विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में रखा है। लेकिन अधिक रुपए के लालच में ग्रामीण इसे जंगलों से पकड़ कर दूसरे राज्य में विक्रय कर देते हैं।

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