चेतन कापेवार, बीजापुर। पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने क्षेत्रीय विधायक एवं बविप्रा के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी पर कौढ़ियों के भाव आदिवासियों की जमीन खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है। आज अटल सदन में हुए पत्रवार्ता में पूर्व मंत्री ने दस्तावेजों के साथ इसका खुलासा करते कहा कि विधायक विक्रम मंडावी आदिवासियों के हितैषी नहीं बल्कि शोषक है। वे स्वयं आदिवासी होकर आदिवासियों की जमीनों को मिट्टी के मोल खरीद उनका शोषण कर रहे हैं। भैरमगढ़ की एक जमीन खसरा क्रमांक 600/3 खरीदी संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते पूर्व मंत्री ने यह दावा किया है पहले इस भूमि को नपं अध्यक्ष सीताराम मांझी के नाम से खरीदा गया, कुछ दिनों बाद यह जमीन विधायक के नाम से नामांतरित हो गई। ना सिर्फ भैरमगढ़ बल्कि बीजापुर में जमीन खरीद-फरोख्त से जुड़े कई मामले हैं, जिनमें विधायक की संलिप्तता है। पूर्व मंत्री ने कहा कि विधायक बहुमूल्य जमीन पहले अपने कार्यकर्ताओं के नाम से खरीदी करते हैं, और बाद में अपने नाम से नामांतरण करते हैं। मतलब क्रेता विक्रेता बनते हैं और मूल जो क्रेता है वो बाद में क्रेता बन जाते हैं। ये सिर्फ भैरमगढ का मामला नहीं है, बीजापुर में भी ऐसे कई मामले हैं। जहां जमीन की खरीद फरोख्त अपने कार्यकर्ता के नाम से विधायक द्वारा की गई हैं, जिसका नामांतरण विधायक के नाम पर कुछ दिनों बाद होने वाला हैं। पूर्व मंत्री के अनुसार चूंकि ये जमीन आदिवासी जमीन है, उसे विधायक भी सीधे खरीद सकते हैं, लेकिन विधायक को इसमें कही डर या लोभ नहीं होता तो वो ऐसा करते, कही ना कही विधायक ऐसा कर मूल भू-स्वामी से सस्ते दाम से जमीन खरीद रहे हैं और बाद में उसे अपने नाम कर आदिवासियों का शोषण कर रहे हैं।

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