चेतन कापेवार, बीजापुर। पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के तहत् निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से उनके अधिकारों के हनन का आरोप लगाया है। अटल सदन में पत्रवार्ता को संबोधित करते पूर्व मंत्री ने अधिकारों के दमन के लिए विधायक विक्रम शाह मंडावी को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि विधायक मंडावी को विकास कार्यों में रूचि नहीं हैं बल्कि वो अपना आर्थिक हित देख रहे हैं।

भोपालपट्नम जनपद पंचायत का जिक्र करते उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की तरफ से पंचायतों के विकास को लेकर विगत दिनों एक बैठक होती है, जिसकी जानकारी विधायक को मिलती है, इसके बाद विधायक अधिकारी को फोन कर बैठक को रोकने का निर्देश देते हैं और अगले ही दिन कार्यालय के एक लेखापाल को अटैच कर देते हैं। पूर्व मंत्री ने प्रशासन पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि मार्च महीना अंतिम महीना है इसके बाबजूद 14 वी और 15 वी वित्त की राषि खर्च क्यों नहीं की गई। कहीं ना कहीं अधिकारी भी राशि डकारने की फिराक में थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि विधायक हर काम को स्वयं करना चाहते हैं वो चाहे जनपद हो, ग्राम पंचायत हो, नपं हो या डीएमएफटी हो, विधायक की सेटिंग सीधे सप्लायर, ठेकेदार से रहती है। विधायक को विकास कार्यों में कोई रूचि नहीं, इसलिए जनप्रतिनिधियों को नकारते काम कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *