जगदलपुर (डेस्क) – लंबे समय से इन्द्रावती – जोरानाला जल संकट से जूझ रहे बस्तर जिले को आखिरकार राहत मिली है. यह संभव हो पाया है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप की सक्रियता और संवेदनशील पहल से, जिन्होंने समय रहते ठोस निर्णय लेकर न केवल जल संकट की गंभीरता को समझा बल्कि उसे स्थाई समाधान की दिशा में भी अग्रसर किया.
ज्ञात हो कि वर्ष 2010 से 2016 तक ओडिशा राज्य में हाइड्रोलिक कंट्रोल स्ट्रक्चर निर्माण हेतु छत्तीसगढ़ ने 49 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की थी, जिससे दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे के समझौते के अनुसार 50% जल प्राप्ति सुनिश्चित हुई थी. किंतु 2021 से 2023 तक कंट्रोल स्ट्रक्चर के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम में सिल्ट, बोल्डर और रेत जमा होने से बस्तर को मात्र 23% जल मिल रहा था। वर्ष 2024 में यह मात्रा घटकर सिर्फ 16% रह गई, जिससे बस्तर में भयावह पेयजल संकट खड़ा हो गया.
जनदबाव और आंदोलन के बीच जब स्थिति विकराल होने लगी, तब मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ओडिशा के मुख्यमंत्री से संवाद कर समस्या समाधान की पहल की. इसके साथ ही जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने मोर्चा संभाला और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई हेतु निर्देशित किया.
सुशासन तिहार के अवसर पर 9 मई 2025 को बस्तर प्रवास पर आए मंत्री केदार कश्यप ने जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो एवं प्रमुख अभियंता इन्द्रजीत उईके को निर्देशित किया कि इन्द्रावती – जोरानाला संगम पर बने हाइड्रोलिक कंट्रोल स्ट्रक्चर के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम से अवरोधक रेत, बोल्डर, रेत बोरी आदि को स्थाई रूप से हटाया जाए. इस निर्देश के बाद अस्थाई रूप से रास्ता बनाकर नदी प्रवाह को सुचारू किया गया, जिससे जल प्रवाह 16% से बढ़कर पुनः 49% तक पहुंच गया, जो बस्तरवासियों के लिए किसी अमृत से कम नहीं.
इस महत्वपूर्ण निर्णय और तत्पर प्रयास के लिए बस्तर की जनता ने जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप का आभार व्यक्त किया है, जिनके संवेदनशील नेतृत्व शैली और तत्काल निर्णय क्षमता ने बस्तर को जल संकट से उबार कर जीवनधारा बहाल की.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और संवेदनशील पहल से बस्तर के जल संकट का समाधान संभव हुआ. बस्तर की जनता को जल संकट से राहत देना हमारी प्राथमिकता है. हमने तत्परता से कार्यवाही की और आज इंद्रावती नदी की जलधारा फिर से बस्तर की ओर बह रही है और बस्तर की प्यास बुझ रही है. यह साय सरकार की प्रतिबद्धता और जनता के विश्वास की जीत है. – केदार कश्यप, जल संसाधन मंत्री