जगदलपुर (डेस्क) – एंटी नक्सल ऑपेरशन पर निकले सुरक्षाबल के जवानों की बीते मंगलवार को नक्सलियों के साथ जबरदस्त मुठभेड़ हुई है. इस मुठभेड़ में जवानों ने करार जवाब देते हुए नक्सलियों को आर्थिक और रणनीतिक रूप से चोट पहुंचाया है. इसके साथ ही जवानों ने घटनास्थल से नक्सलियों का लाखों रुपए नगद समेत अन्य घातक सामान भी बरामद किया है.

मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षाबल को बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ इलाके में स्थित ग्राम कसोड़, कुमुरादि और उसके आसपास के क्षेत्र में नक्सलियों के बड़े लीडरों की मौजूदगी की सूचना मिली थी. सूचना मिलने के बाद बीते सोमवार को नारायणपुर डीआरजी और आईटीबीपी 41 वीं बटालियन की एक जॉइंट टीम को उस इलाके में सर्चिंग पर रवाना हुई थी. सर्चिंग के दौरान बीते मंगलवार को सुरक्षाबल की जॉइंट टीम ग्राम कसोड़ और कुमुरादि के बीच स्थित जंगल और पहाड़ के पास पहुंची ही थी. तभी अचानक वहां पहले से घात लगाए बैठे हथियारबंद नक्सलियों ने जवानों पर अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दिया. हमला होते देख जवानों ने भी मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्यवाही की. जवानों और नक्सलियों के बीच 2 से 3 घण्टे तक जबरदस्त मुठभेड़ चलती रही. जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली अपने लीडरों के साथ मौके से फरार हो गए. मुठभेड़ के बाद जवानों ने घटनास्थल में सर्च ऑपरेशन चलाया. इस सर्च ऑपरेशन में जवानों ने नक्सलियों का 6 लाख रुपए नगद, 11 लैपटॉप, 50 किलोग्राम बारूद, 30 किलो शोरा नामक पदार्थ, 20 – 20 लीटर डीजल पेट्रोल, 2 कुकर बम, 130 नग एसएलआर का जिंदा कारतूस, 25 नग 12 बोर बंदूक के कारतूस, 18 नग 303 बंदूक के कारतूस, 2 बंडल कार्डेक्स वायर, 10 बंडल बिजली के तार, 1 नक्सली वर्दी, विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दवाईयां, टिफिन, नक्सली साहित्य, जूते सहित अन्य दैनिक उपयोगी सामान बरामद किया है. इनमें से विस्फोटक सामाग्री बारूद, शोरा नामक पदार्थ, पेट्रोल – डीजल, कुकर बम, इलेक्ट्रिक वायर और विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दवाईयां, टिफिन, नक्सली साहित्य, जूते समेत अन्य सामानों को सुरक्षा के मद्देनजर जवानों ने मौके पर ही नष्ट कर दिया. सुरक्षाबल ने इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों के मारे और घायल होने की आशंका जताई है. वहीं इस मामले में सुरक्षाबल का कहना है कि नक्सलियों को भारी आर्थिक और रणनीतिक क्षति होने के साथ उन्हें यह साफ संदेश गया है कि अब वे माड़ के किसी क्षेत्र में सुरक्षित नही है. नक्सलियों का आश्रय स्थल सिमटता जा रहा है. अब नक्सल मुक्त बस्तर की परिकल्पना साकार रूप ले रही है.

नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि अबूझमाड़ दुर्गम जंगल और विकट भौगोलिक परिस्थतियों में रहने वाले मूल निवासियों को नक्सलवादी विचारधारों से बचाना और उन्हें नक्सली सिंद्धान्तों के आकर्षण से बाहर निकालना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है, ताकि क्षेत्र में विकास और शांति कायम हो सके. हम सभी नक्सली भाई – बहनों से अपील करते है कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा को त्याग कर शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति को अपनाकर समाज की मुख्यधारा से जुड़कर हथियार और नक्सलवाद विचारधारा का पूर्णतः त्याग और विरोध करें. अब समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों को सौंप देने का है जहां वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें.

इसके साथ ही बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने कहा कि वर्ष 2025 की शुरुवात में ही नक्सली संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को सुरक्षाबलों के द्वारा भारी क्षति पहुंचाई गई है. जिसमें डीकेएसजेडसी, डीव्हिसि, एसीएम और अन्य छोटे कैडरों के नक्सलियों का भारी संख्या में मारे जाने से काफी क्षति हुई है. प्रतिबंधित और गैर कानूनी सीपीआई नक्सली संगठनों के पास अब हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने के अलावा और कोई विकल्प नही बचा है. इसलिए नक्सली संगठन से अपील है कि वे तत्काल हिंसात्मक गतिविधियों को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़े अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे.

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