बीजापुर (डेस्क) – रिजर्व फारेस्ट की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में इंद्रावती टाइगर रिजर्व द्वारा नेमेड में कुछ लोगों को नोटिस तामील करते हुए अतिक्रमण हटाने को कहा गया है. इस संबंध में विभाग ने पहले एक हफ्ते का अल्टीमेटम देते नोटिस जारी किया था अब मियाद को थोड़ा और बढ़ाया जा रहा है. हालांकि विभाग की प्रारंभिक कारवाई की आलोचना भी शुरू हो गई है.

दरअसल बस स्टैंड के पीछे रिजर्व फारेस्ट की कई एकड़ जमीन पर कब्जाधारियों ने बाड़ डालने से लेकर खेत, मकान तक बना डाले है. इतना ही नहीं कब्जाधारियों ने भगवान के मंदिर को भी नहीं बख्शा. कुटरु मार्ग पर बजरंगबली के मंदिर की दीवार से सटाकर बड़ी जमीन कब्जाई गई है. कुटरु मार्ग के एक किनारे मुनारा के आधार पर जहां तक रिजर्व फारेस्ट की जमीन है उस पर सागौन और दूसरे प्रजाति के वृक्षों की प्लांटेशन थी, जिस पर अतिक्रमण करने वालो ने कुल्हाड़ियां चलाकर जंगल को खेत में तब्दील कर दिया है अब सड़क किनारे मकान और मकान के पीछे जंगल की जगह खेत तैयार कर लिए गए है.

रेंजर पर रोष..

बेधड़क अतिक्रमण के मामले में वर्तमान परिक्षेत्र अधिकारी राम नारायण मिश्रा की कार्यशैली विवादों आ गई है. अतिक्रमण का विरोध कर रहे लोगों की माने तो पूरा अतिक्रमण हाल ही में नहीं हुआ, बल्कि बड़े भूभाग में कई महीनों से पेड़ो की अंधाधुंध कटाई जारी थी. सब कुछ नजरों के सामने था, बाबजूद परिक्षेत्र अधिकारी अतिक्रमण से नजरे बचाते रहे. पूरे मामले से वाकिफ होने के बाद भी कारवाई ना होना परिक्षेत्र अधिकारी के साथ विभाग की कार्यशैली संदेह लाजिमी है.

जांच कर रहे है

जब इस संबंध में आईटीआर के उपनिदेशक संदीप बलगा से फोन पर संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि नोटिस जारी किया गया है, शिकायत की जांच की जा रही है, सही पाया जाता है तो कब्जाधारियों के विरुद्ध कारवाई की जायेगी.

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