जगदलपुर (डेस्क) – बस्तर जिला कांग्रेस पार्टी के द्वारा बीते दिनों पूर्व महापौर पर महापौर निधि में भ्रष्टाचार करने का लगाते हुए जिला न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी. इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला न्यायालय ने लोक सेवक मानते हुए नगर निगम आयुक्त से जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.
बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (शहर) और अधिवक्ता संकल्प दुबे ने मीडिया को बताया कि शहर के नगर निगम वार्ड में सामुदायिक भवन की मरम्मत और अतिरिक्त कक्ष बनाने के नाम पर महापौर निधि से लगभग 3 लाख रुपये की राशि खर्च किये गए है. बल्कि अंबेडकर वार्ड में ना तो सामुदायिक भवन है और ना ही अतिरिक्त भवन बनाया गया है. उन्होंने बताया कि जब न्यायालय द्वारा आदेशानुसार पूर्व महापौर सफिरा साहू के अधीनस्थ अधिकारी (नगर निगम आयुक्त) 17 मार्च को जांच रिपोर्ट न्यायालय में पेश करेंगे तब कांग्रेस को मिले जांच रिपोर्ट और नगर निगम आयुक्त की जांच रिपोर्ट का मिलान करने के बाद आरोप को साबित किया जाएगा. इस मामले में अधिवक्ता संकल्प दुबे ने बताया कि उन्होंने पूर्व महापौर के द्वारा महापौर निधि में भ्रष्टाचार किये जाने को लेकर बस्तर एसपी को आवेदन दिया था. लेकिन पुलिस ने इस मामले में किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नही की है. अधिवक्ता संकल्प दुबे ने बताया कि आगामी दिनों में ऐसे ही और मामलों को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी.