जगदलपुर। कोरोना लाकडाउन और प्रतिबंधों में छूट मिलने के साथ ही पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ और प्रोटोकाल की घोर अवहेलना देखने को मिल रहा है। कोरोना की दूसरी लहर अभी गई नहीं है और इस तरह की बेफिक्री महामारी को सीधे-सीधे तीसरे लहर को बुलावा देना है। ऐसा ही कुछ हो रहा है देशभर में मशहूर तीरथगढ़ जलप्रपात में। जहां पहुंच रहे पर्यटक कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करते नज़र आ रहे हैं। जिला प्रशासन ने पर्यटन स्थलों में मास्क व सामाजिक दूरी को अनिवार्य किया है। इसके बावजूद पर्यटको द्वारा अवहेलना करते हुये बिना मास्क के तीरथगढ़ जलप्रपात में घूमते नज़र आ रहे हैं। देश के अलग अलग स्थानों से इन दिनों पर्यटक बस्तर पहुंच रहे हैं। और बिना मास्क के ही जलप्रपात में घूमते नज़र आ रहे हैं। जो कि बस्तर के लिए खतरे की घंटी है।
अप्रिय घटना को दे रहे न्योता-
लगभग 80 फीट की ऊंचाई से गिरता तीरथगढ़ जलप्रपात जितना खूबसूरत है उतना ही ख़तरनाक भी है। इस जलप्रपात से गिरकर मौत भी हो चुकी है। बीते वर्ष तीरथगढ़ जलप्रपात में सुरक्षाकर्मी के रूप में तैनात एक सदस्य की भी जलप्रपात में मौत हो चुकी है। इसके बावजूद भी बस्तर के तीरथगढ़ जलप्रपात में पहुंच रहे पर्यटकों द्वारा जलप्रपात के बिल्कुल नजदीक पहुँच कर तस्वीरे खिंचाया जा रहा है। जो कि किसी बड़े हादसे की निशानी हैं।
बस्तर के अलग अलग स्थानों में लगातार हो रही बारिश के चलते नदी नालों के साथ ही जिले के सभी जलप्रपात उफान पर हैं। और इनकी खूबसूरती मानसून में मनमोहन हो जाती है। जिसको देखने के लिए प्रतिवर्ष भारत देश के अलावा विदेशों से भी पर्यटक बस्तर की खूबसूरती को निहारने बस्तर पहुंचते हैं।