थमीर कश्यप, बस्तर-  शासन द्वारा तय नियमों को लगातार नजरअंदाज कर बस्तर के कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक अनुशासनहीनता की सभी सीमाएं लांघते नजर आ रहे हैं। स्कूल समय पर नहीं खुल रहे हैं, जिससे ग्रामीण अंचलों के बच्चों की पढ़ाई गम्भीर रूप से प्रभावित हो रही है। 16 जून को प्रदेश के सभी स्कूल खुल गए। शासन ने 23 जून तक स्कूल खुलने का समय प्रातः 7:00 बजे से 11:00 बजे तक निर्धारित किया है। लेकिन हकीकत यह है कि शिक्षक स्कूल खुलने के निर्धारित समय पर नहीं पहुंचते। बच्चे समय पर स्कूल पहुंच जाते हैं, लेकिन उन्हें गेट के बाहर अपने शिक्षक का इंतज़ार करना पड़ता है।

स्थानीय निरीक्षण में खुली पोल

जब हमारी टीम ने प्राथमिक शाला घाटकवाली का निरीक्षण किया, तो सुबह 7:34 तक स्कूल का दरवाज़ा बंद मिला। वहीं, प्राथमिक शाला जुनारापारा में भी तय समय पर ताला लटका हुआ था। यह नजारा शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक स्थिति को उजागर करता है।

पहले भी आई थी शिकायतें

यह पहली बार नहीं है जब शिक्षकों की लापरवाही सामने आई हो। इससे पहले भी समय पर स्कूल न खुलने को लेकर खबर प्रकाशित की जा चुकी है। बावजूद इसके, शिक्षक अपने व्यवहार में सुधार लाने को तैयार नहीं हैं।

इस संबंध में हमने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया, किंतु संपर्क नहीं हो पाया।

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