जगदलपुर (डेस्क) – छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर के गंगामुंडा में निर्माणाधीन श्री गंगा कैलाशनाथ चतुर्मुख शिवालय परिसर में आज शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण देव और छत्तीसगढ़ बेवरेजेस कॉरपोरेशन के नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी और वहां मौजूद समाज के सभी सदस्यों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वृक्षारोपण किया गया. वृक्षारोपण के दौरान नगर पालिक निगम के सभापति खेमसिंह देवांगन, एमआईसी सदस्य लक्ष्मण झा, निर्मल पाणीग्रही सहित स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने भी पौधरोपण किया.
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा कि जगदलपुर शहर में आंध्र समाज के द्वारा बालाजी मंदिर के बाद अब दूसरा भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, इस शिवालय में देवों के देव भगवान महादेव के साथ अन्य ईष्ट देवी देवताओं की प्रतिमायें स्थापित किये जायेंगे उन्होंने कहा इस मंदिर के निर्माण से बस्तर में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को एतिहासिक गंगामुंडा तालाब के किनारे द्रविण वास्तुशैली से बन रहे इस भव्य मंदिर में आंध्र प्रदेश के मंदिरों के तर्ज पर सुंदर कलाकृति देखने को मिलेगी, जो श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा. वहीं बस्तर जिला आंध्र समाज के अध्यक्ष जयंत नायडु ने कहा कि यह शिवालय पिछले एक वर्ष से निर्माणाधीन है. आने वाले साल 2026 में सावन के महीने में इस भव्य शिवालय के प्राण प्रतिष्ठा की योजना है. आंध्र समाज के साथ – साथ शहर के गणमान्य लोगों की ओर से मंदिर निर्माण में सहयोग मिल रहा है. साथ ही उन्होंने पूरे छत्तीसगढ़ से भी सनातन धर्म को मानने वाले भगवान महादेव के भक्तों से भी तन मन धन से मंदिर के निर्माण में सहयोग करने की अपील की है. अध्यक्ष ने बताया कि इस मंदिर में नवग्रह की पूजा के साथ – साथ भगवान श्री गणेश, भगवान राम दरबार, माता लक्ष्मी, माता दुर्गा, माता सरस्वती, राधा कृष्ण, सत्यनारायण स्वामी, सुर्यदेव, और बजरंग बलि की प्रतिमायें स्थापित होंगी. उन्होंने बताया कि इस निर्माणाधीन भव्य मंदिर के आसपास हरियाली लाने पर्यावरणविद संपत झा के द्वारा टेंपल कमेंटी को नारियल, आंवला आदि फलदार एवं धार्मिक महत्त्व के पौधे भेंट किए गए है. बता दें कि इस मंदिर का वास्तुशिल्प तिरुमला देवस्थानम से जुड़े वास्तुविद पंडित बालभास्करण के द्वारा किया गया है, उनके द्वारा डिजाइन किया हुआ यह 216 वां मंदिर है. पौध रोपण के दौरान आंध्र समाज सचिव यशवर्धन राव, उपाध्यक्ष दिगंबर राव, इंटी अर्जून, कोषाध्यक्ष एल राजरत्नम, सह सचिव एल शिवा प्रसाद, संस्कृति सचिव पी. अशोक नायडू, क्रीड़ा सचिव डी. कोटेश्वर राव, मुख्य सलाहकार सुब्बा राव, ए. वीर राजु, रविभूषण राव, माधवी, चप्पा श्रीनिवास राव, के. कामेश, वसंत राव, कोंडविटी संतोष, जगदीश सोनी, आचारी सोनी, बी. गौतम राव, एम बालाजी नायडू, एस. राजेश राव, ईश्वर राव ,संतोष राव समेत समाज के अन्य सदस्यगण भी उपस्थित रहे.