जगदलपुर (डेस्क) – शहर के राजीव भवन में आज बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने विभिन्न मुद्दों को लेकर केंद्र और राज्य की केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाते हुए सवाल किया है.
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आज पत्रवार्ता में कहा कि पहलगाम में हमारे निर्दोष 22 नागरिकों को जिस तरह कायरता पूर्वक आतंकियों ने मारा उससे पूरा देश आक्रोषित हुआ है.लोग इस हत्याकांड का बदला चाहते थे. यह हमला एक तरह से भारत की समप्रभुता पर आक्रमण था, कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने सरकार को यह भरोसा दिलाया सरकार इस आतंकी हमले के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें हम सरकार के हर कदम का पूरा समर्थन करते है. भारत की सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चला कर बहादुरी पूर्वक पाकिस्तान से चलाये जा रहे आतंकी ठिकानो को नेस्तनाबूत कर दिया.
भारतीय सेना के पराक्रम से सारा देश गौरान्वित हुआ. ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद पाकिस्तानी सेना की बुजदिली कार्यवाही के खिलाफ भारत की सेना की कार्यवाही का भी पूरा देश स्वागत किया. लोग पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक जंग चाहते थे, यह अवसर था पाकिस्तान को उसकी हरकतों के लिए जबाब देने का जो हमारी सेना ने दिया भी. हमारी सेना पाकिस्तान के खिलाफ बहादुरी से लड़ रही थी, उसे सफलता भी मिल रही थी लेकिन अचानक युद्ध विराम की घोषणा हो गई.
श्री बैज ने कहा युद्ध विराम भी भारत – पाक के आधा घंटा पहले अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किया. बड़ा सवाल उठता है की ट्रम्प होते कौन है इस तरह की घोषना करने वाले. ट्रम्प ने व्यापार बंद करने की धमकी दे कर युद्ध रुकवाया. ट्रम्प ने यह भी कहा वह कश्मीर समस्या मे मध्यस्थता करेंगे. ट्रम्प के इस बयान से सवाल खड़ा होता है की क्या भारत सरकार ने अमेरिकी व्यापार न करने की धमकी के आगे घुटने टेक कर युद्ध विराम किया. चार दिनों तक चले युद्ध मे हमारे जवानों और नागरिकों ने जो खोया उसकी क़ीमत सिर्फ व्यापार है, क्या हमारी बहनों के सिंदूर की क़ीमत सिर्फ व्यापार है. अमेरिका के राष्ट्रपति के बयानों ने पूरे देश को अपमानित किया है. दुर्भाग्यजनक है कि ट्रम्प के बयानों का खंडन केंद्र सरकार ने नहीं किया.
जिस कश्मीर पर भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता कभी स्वीकार नहीं किया उस पर भी ट्रम्प ने मध्यस्थता की बात कही भी, यह भारत की अखंडता पर हस्तक्षेप है. श्री बैज ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने जो बहादुरी दिखाई है उसके लिए सेना के जवानों का आभार, इस युद्ध मे शहीद वीर जवानों को नमन, सारा देश अपनी सेना का ऋणी है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बताया कि ऑपरेशन संकल्प से सबित कर दिया कि राज्य की साय सरकार में विश्वास का संकट है. मुख्यमंत्री और गृह मंत्री मे सामंजस्य नहीं है. पिछले दिनों राज्य सरकार के द्वारा नक्सल अभियान चलाया गया जिसका राज्य के गृहमंत्री ने पुरजोर खंडन किया. ऐसे किसी ऑपरेशन से इंकार किया, जबकि मुख्यमंत्री ने अभियान चलाये जाने की बात कही.
इतने बड़े ऑपरेशन पर सरकार एक राय नहीं थी, कैसे गृह मंत्री को इसकी जानकारी नहीं थी, इस घटना क्रम से साबित होता है सरकार मे आपस मे विश्वास का संकट है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दावा किया कि ऑपरेशन संकल्प में 22 नक्सली मार गिराए हैं. उसके बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कोई ऑपरेशन संकल्प नहीं चल रहा है और ऐसी कोई संख्या नहीं है, यह झूठ है. लेकिन पता चला कि बीजापुर ज़िला अस्पताल में 22 शव पोस्टमार्टम के लिए पहुँचे हैं. बीजापुर की स्थानीय मीडिया, बस्तर की मीडिया और प्रदेश की भी मीडिया को अस्पताल में नहीं जाने दिया गया. चारों ओर सवाल उठे, शव मोर्चुरी में सड़ने लगे तब पुलिस ने 12 मई को शाम में निम्न रिलीज़ जारी की. कल बीजापुर में पुलिस ने बताया कि ऑपरेशन संकल्प में कुल 31 नक्सली मारे गए हैं. बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रान्तर्गत विगत दिनों में हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ में बरामद नक्सलियों के शवों में से अब तक कुल 20 नक्सलियों के शवों की पहचान कर ली गई है. पहचाने गए 20 नक्सलियों के शवों में से 11 शवों को पोस्टमार्टम और अन्य कानूनी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है. मुठभेड़ में बरामद शेष 11 नक्सलियों के शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है. पहचान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, उनके शव भी परिजनों को सौंप दिए जाएंगे. इस प्रेस रिलीज़ में भी विरोधाभास है. अगर 20 की पहचान कर ली गई है तो सिर्फ़ 11 क्यों सौंपे गये ?
अगर 20 की पहचान हो गई तो 11 की पहचान की प्रक्रिया कैसे जारी हो सकती है ? हमारा सवाल है क्या ऑपरेशन संकल्प चल रहा है ? अगर हां तो इसका क्या विवरण है ? ऐसा कैसे हो सकता है कि पुलिस कोई ऑपरेशन चला रही है और गृहमंत्री को इसकी जानकारी नहीं है. कुल कितने शव बरामद किए गए ? अगर 31 नक्सली मारे गए तो बीजापुर में 22 शव ही कैसे पहुंचे हैं ? बाक़ी के शव कहां हैं ? अगर सुरक्षा बलों को इतनी बड़ी सफलता मिली तो इसकी घोषणा करने में इतना समय क्यों लगा ? जिनकी पहचान की गई उनके क्या – क्या नाम हैं ?
जिन शवों को पहचानकर हैंडओवर किया गया, जिनको हैंडओवर किया गया उनके क्या नाम हैं ? और मृतकों से उनका क्या क्या रिश्ता है ? कितने शव को पहचानना अभी बाक़ी है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आगे बताया कि राहुल गाँधी ने मुझको पत्र लिखा है उन्होंने प्रदेश कांग्रेस द्वारा जनता के मुद्दों, महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर, जल जंगल जमीन बचाने के लिए जो लड़ाई लड़ रही जो न्याय यात्राएं निकाली गयी उसकी सराहना की है. लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद कि आपने पत्र के माध्यम से हम सभी का मनोबल बढ़ाया. राहुल गांधी एवं मल्लिकार्जुन खड़गे के मार्गदर्शन में छ्ग कांग्रेस ने लगातार प्रदेश के हर वर्ग को न्याय दिलाने और उनकी आवाज उठाने के लिए, प्रदेश में बढ़ते अपराध और महिला अत्याचार के खिलाफ़, एनएमडीसी निजीकरण के खिलाफ, बस्तर के इंद्रावती नदी को बचाने के लिए, प्रदेश में बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ़ और प्रदेश के अन्य जल, जंगल, जमीन से जुड़े ज्वलंत विषयों पर लगातार पदयात्रा कर न्याय के सन्देश को घर घर तक पहुंचाने का प्रयास किया है. इसी तरह मजबूत विपक्ष के रूप में जनता की आवाज बुलंद करने के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस पूरी तरह कटिबद्ध है. निश्चित रूप से राहुल गाँधी के इस पत्र ने छग के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया है. जनता की आवाज उठाने का हमारा हौंसला और बुलंद हुआ है.
दीपक बैज ने आगे कहा कि बस्तर के संसाधनों पर भाजपा सरकार की बुरी नजर है, विष्णुदेव साय की सरकार ने छत्तीसगढ़ को एक बार फिर कॉरपोरेट घरानों का चारागाह बना दिया है. बस्तर की चार बड़ी लौह अयस्क खदानें निजी पूंजी पतियों को इसमें से 2 खदानें बैलाडीला 1। और बैलाडीला 1 ठ की खदान आर्सेलर मित्तल को 50 साल के लिए लीज पर दे दिया है. बैलाडीला 1 ब खदान रूंगटा स्टील को 50 सालों के लिए दिया गया. कांकेर जिले के हाहालादी खदान सागर स्टोन को 50 साल के लिए दे दिया गया है. यह शुरूआत है इसके बाद बस्तर के सभी बहुमूल्य खनिज संपदा को अडानी को सौंपने की तैयारी की जा रही है. अडानी के लिए बस्तर में रेड कार्पेट बिछाया जा रहा. भाजपा सरकार बस्तर में खनन आधारित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम स्थापित करने के बजाय, बहुमूल्य खनिज संसाधन औने – पौने दाम पर पूंजीपतियों को लुटा रही है. विगत दिनों केंद्रीय इस्पात मंत्री छत्तीसगढ़ आए थे, तमाम विरोध के बावजूद भारत सरकार का सरकारी उपक्रम फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड भिलाई स्थित यूनिट को मात्र 320 करोड़ में बेच दिया, जो कभी घाटे में नहीं रही बल्कि लगभग 100 करोड़ प्रति वर्ष का मुनाफा कमा रहा थी. रमन सिंह की सरकार ने बस्तर के नागराज पर्वत को नरेंद्र मोदी के मित्र अडानी को बेच दिया. ग्राम सभा की फर्जी एनओसी लगाई गई, पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने जांच के बाद आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव केंद्र की मोदी सरकार को भेजा गया लेकिन वह भी आज तक लंबित है.
बस्तर के नगरनार में 20 हजार करोड़ से अधिक के सार्वजनिक क्षेत्र एनएमडीसी के प्लांट को बेचने के लिए केंद्र की मोदी सरकार विनिवेशीकरण की सरकारी साइट ‘‘दीपम’’ पर सेल लगाकर रखी है. बस्तर के युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अधिकार को नरेंद्र मोदी की सरकार बेच रही है. चुनाव के समय नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने बस्तर की जनता से वादा किया था कि नगरनार नहीं बिकेगा. लेकिन बेचने की प्रक्रिया आज भी जारी है. भाजपा की सरकार की बुरी नजर केवल बस्तर के संसाधनों पर है. कांग्रेस पार्टी बस्तर के संसाधनों के बंदरबांट के खिलाफ शीघ्र ही बड़ा जन आंदोलन चलाने जा रही है.
इस प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से प्रदेश कांग्रेस प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदु, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य, ग्रामीण जिलाध्यक्ष प्रेमशंकर शुक्ला, महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष लता निषाद, नेता प्रतिपक्ष राजेश चौधरी, उपनेता प्रतिपक्ष कोमल सेना, रविशंकर तिवारी,राजेश राय,महामंत्री जाहिद हुसैन, सुभाष गुलाटी,असीम सुता,युंका अध्यक्ष अजय बिसाई, राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान, अनुराग महतो, पार्षद अफरोज बेगम, शुभम् यदु, लोकेश चौधरी, शादाब अहमद, एस नीला,ज्योति राव, सलीम जाफर आदि मौजूद रहे.