सुकमा (डेस्क) – राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रमुख वन बलाध्यक्ष (PCCF & HoFF) श्रीनिवास राव के निर्देशानुसार सुकमा वनमंडल ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए तीन दशक बाद पुनः गोलापल्ली, किस्तारम एवं जगरगुंडा में वन रेंज कार्यालयों की स्थापना की है. ये क्षेत्र लंबे समय तक नक्सल प्रभावित रहे हैं. जिसके कारण विभागीय गतिविधियाँ बाधित थीं. अब स्थायित्व और सुरक्षा की बहाली के साथ वन विभाग ने क्षेत्र में पुनः अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज की है.

इस पहल का मुख्य उद्देश्य वनवासियों को वन विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे उपलब्ध कराना है. स्थानीय समुदायों को इससे वनाधारित आजीविका, वन संसाधन प्रबंधन और सरकारी सहायता योजनाओं से जुड़ने का अवसर मिलेगा.

मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ), जगदलपुर आरसी दुग्गा एवं सुकमा वनमंडलाधिकारी (DFO) अक्षय भोसलें ने किस्तारम एवं गोलापल्ली स्थित नवस्थापित रेंज कार्यालयों का दौरा कर विभागीय कर्मचारियों से मुलाकात की और उनका मनोबल बढ़ाया. उन्होंने कहा कि यह कदम केवल कार्यालय खोलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वनवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक स्थायी प्रयास है.

स्थानीय लोगों ने वन विभाग की इस पहल का खुले दिल से स्वागत किया है, और इसे एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा है. क्षेत्रवासियों का विश्वास फिर से बहाल हो रहा है और प्रशासनिक पहुंच बढ़ने से विकास कार्यों को गति मिलेगी.

वन विभाग ने यह भी बताया कि गोलापल्ली, किस्तारम एवं जगरगुंडा में और भी कार्यालयों एवं आवासीय भवनों के निर्माण की योजना बनाई जा रही है. जिससे विभागीय कार्य संचालन और अधिक प्रभावी और स्थायी हो सके.

वन विभाग छत्तीसगढ़ का यह कदम वनवासियों की सेवा, विकास और संरक्षण के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है. वन विभाग की यह पहल न केवल प्रशासनिक उपस्थिति को पुनर्स्थापित करती है, बल्कि वनवासियों के साथ विश्वास और विकास की नई शुरुआत को भी दर्शाती है.

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