सुकमा (नवीन कश्यप) – जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र दोरनापाल से जगरगुंडा तक सड़क निर्माण का काम चल रहा है. वहीं इसी सड़क में बने एक पूल का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के साथ चर्चा का विषय बन गया है.

सूत्रों की माने तो नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में स्थित ग्राम जगरगुंडा को नक्सलियों की राजधानी कहा जाता है. सड़क और पूल नही होने के कारण लगभग एक दशक तक बारिश की वजह से जगरगुंडा टापू बनकर रह गया था. जिसके बाद सरकार ने दोरनापाल से जगरगुंडा तक सड़क और पूल बनाने के लिए करोड़ों रुपये की स्वीकृति प्रदान की. आज भी पुलिस हाउसिंग वर्ष 2016 – 17 से जगरगुंडा तक पक्की सड़क बनाने का काम जारी है. इसी सड़क में बीते साल एक पूल का निर्माण ठेकेदार के द्वारा किया गया है. जिसमें एक साल में ही 2 से 3 फिट बड़ा गढ्ढा हो गया है. जिसका वीडियो ग्रामीणों के द्वारा बनाकर सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है. इस वीडियो के जरिये स्थानीय ग्रामीणों ने पूल निर्माण करने वाले ठेकेदार और सम्बंधित विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. ग्रामीणों ने नक्सलियों की आड़ में ठेकेदार और सम्बंधित विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया है. ग्रामीणों के अनुसार एक साल में ही पूल में छेद हो गया और पूल का कांक्रीट भी हाथ से टूटने लग गया है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने कहा है कि पूल निर्माण में ठेकेदार पर मिट्टी युक्त रेत का उपयोग किया गया है, जिसकी वजह से पूल में छेद हो गया है.

जब इस मामले को लेकर बस्तर फाइल्स न्यूज वेब पोर्टल की टीम ने सम्बंधित विभाग के अभियंता कमलेश देशमुख से फोन पर सम्पर्क किया तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी आपसे प्राप्त हुई है, जल्द जांच करवाता हूं.

आपको यह भी बता दें कि उक्त वायरल वीडियो की पुष्टि बस्तर फाइल्स न्यूज़ वेब पोर्टल नही करता है.

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