सुकमा (डेस्क) – छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पुलिस और सीआरपीएफ को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. थाना जगरगुंडा क्षेत्र में एक नक्सली को गिरफ्तार किया गया है, जो मई 2025 में ग्राम पंचायत के उपसरपंच की हत्या के मामले में नामजद आरोपी था. यह कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत की गई है.
गिरफ्तार किए गए नक्सली की पहचान मिडियम मंगडू उर्फ मंगलू पिता सुक्कु, उम्र लगभग 29 वर्ष, निवासी पटेलपारा, ग्राम परलागट्टा, थाना जगरगुंडा जिला सुकमा (छ.ग.) के रूप में हुई है. आरोपी मिलिशिया सदस्य के रूप में माओवादी संगठन में सक्रिय था. वह लंबे समय से फरार चल रहा था और मई माह में उपसरपंच की निर्मम हत्या के बाद से पुलिस की निगाह में था.
डीएसपी तोमेश वर्मा के अनुसार, उपसरपंच की हत्या पुलिस मुखबिरी के शक में की गई थी. इस जघन्य वारदात में मंगडू की संलिप्तता पाई गई थी. आरोपी ने पूछताछ के दौरान हत्या में शामिल होने की बात कबूल कर ली है और घटना में प्रयुक्त दो लकड़ी के डंडे भी उसकी निशानदेही पर बरामद किए गए हैं.
इस कार्रवाई में थाना जगरगुंडा पुलिस और 231 वीं वाहिनी सीआरपीएफ कैम्प कमारगुड़ा के जवानों की संयुक्त भूमिका रही. सटीक मुखबिर सूचना के आधार पर 6 अगस्त को पुलिस उपविभागीय अधिकारी तोमेश वर्मा, थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप जान लकड़ा और सहायक कमांडेंट विकास कुमार के नेतृत्व में एक संयुक्त टीम ग्राम बैनपल्ली, परलागट्टा और आसपास के जंगलों में सर्चिंग के लिए रवाना हुई थी. इसी दौरान जंगल क्षेत्र से फरार चल रहे आरोपी मंगडू को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार नक्सली के खिलाफ थाना जगरगुंडा में पहले से ही अपराध क्रमांक 05/2025 के तहत मामला दर्ज है. उस पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 190, 191, 140, 103, 351(3), आर्म्स एक्ट की धारा 25, तथा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 की धाराओं 38, 39 और 16(क) के तहत गंभीर आरोप दर्ज हैं.
पुलिस ने आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय विशेष न्यायालय, दंतेवाड़ा के समक्ष पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है. अधिकारियों ने बताया कि आगे की पूछताछ में और भी जानकारियाँ निकलने की संभावना है, जिससे संगठन की अंदरूनी गतिविधियों का पर्दाफाश हो सकता है.
जिला सुकमा में चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत यह गिरफ्तारी एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस तरह की और कार्रवाइयों की योजना बनाई गई है, ताकि माओवादियों की गतिविधियों को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सके.