सुकमा (डेस्क) – नक्सली संगठन की केंद्रीय कमेटी ने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की है कि शांति वार्ता के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के लिए हत्याकांडों पर रोक लगाई जाए और देश के छत्तीसगढ़, झारखंड, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश राज्यों में एक समयसीमा के साथ युद्ध विराम की घोषणा की जाए.

केंद्रीय कमिटी के प्रवक्ता का बयान

केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के साथ शांति वार्ता करने के लिए वे तैयार हैं. उन्होंने बताया कि शांति वार्ता के लिए उन्होंने पहले ही तीन प्रेस विज्ञप्तियां जारी की हैं और उनके पीएलजीए बलों की सशस्त्र कार्रवाइयों को रोकने के लिए आदेश जारी किए गए हैं.

सरकार की कार्यवाही की निंदा

नक्सली संगठन ने सरकार की कार्रवाई की निंदा की है और कहा है कि सरकार द्वारा उनके कामरेडों की हत्या की जा रही है और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है और लोगों को जीने का अधिकार नहीं दिया जा रहा है.

शांति वार्ता के लिए समर्थन की अपील

नक्सली संगठन ने देश के तमाम जनवादी प्रेमियों, पत्रकारों और शांतिकामियों से अपील की है कि शांति वार्ता के लिए उनकी जायज मांग का समर्थन करें और सरकारों पर दबाव डालें कि वे शांति वार्ता के लिए सहमत हों.

आपरेशन कगार पर रोक की मांग

नक्सली संगठन ने ऑपरेशन कगार पर रोक लगाने की मांग की है और कहा है कि जब तक सरकार शांति वार्ता के लिए तैयार नहीं होती है, तब तक उनके कामरेडों की हत्या और आदिवासियों के उत्पीड़न पर रोक लगाना आवश्यक है.

निष्कर्ष

नक्सली संगठन की केंद्रीय कमेटी की अपील से स्पष्ट होता है कि वे शांति वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए सरकार को भी सहयोग करना होगा. सरकार को नक्सली संगठन के साथ शांति वार्ता करने के लिए आगे आना चाहिए और उनके साथ मिलकर समस्या का समाधान निकालना चाहिए.

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