जगदलपुर (सोमारू नाग) – बस्तर जिले के डिलमिली में स्थानीय ग्रामीणों और ग्रामसभा ने मिनी स्टील प्लांट की स्थापना की आशंका और गंभीर प्रदूषण खतरों के मद्देनजर एक कड़ा कदम उठाया है. डिलमिली गांव गणराज्य में आयोजित महा ग्रामसभा ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर डिलमिली रेल्वे स्टेशन पर लोहा/गिट्टी (रेक) खाली करने पर तत्काल रोक लगाने का निर्णय लिया है.

आज, रविवार को डिलमिली में आयोजित हुई पारम्परिक ग्राम सभा में उड़वा, चेपरागुड़ा, काटाकांदा, बुरुंगपाल, मावलीभाटा, और चालकीभाटा सहित अनेक ग्राम पंचायतों के जिम्मेदार नागरिक, छात्र और कोटगाड़ीन (पारंपरिक नेतृत्व) शामिल हुए.
प्रदूषण और भूमि अधिग्रहण पर मुख्य चिंताएं
ग्रामसभा के अनुसार, यह निर्णय केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा पूर्व में किए गए मिनी स्टील प्लांट स्थापना के MOU की “साजिश” के खिलाफ लिया गया है. ग्रामवासियों का मानना है कि रायकोट के तर्ज पर डिलमिली रेल्वे स्टेशन, ग्राम पंचायत काटाकांदा में मालगाड़ी के रेक खाली करवाने की योजना बनाई जा रही है.
ग्रामसभा में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए:
● प्रदूषण का खतरा : ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि रेक खाली होने से मृदा प्रदूषण, जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण बढ़ेगा, जिसका सीधा और प्रतिकूल प्रभाव क्षेत्र में जीवन यापन कर रहे लोगों पर पड़ेगा.
● भूमि देने से इनकार : रेल्वे अधिग्रहीत भूमि के समीप के सभी भूमि स्वामियों ने स्पष्ट प्रस्ताव पारित किया कि वे किसी भी कीमत पर अपनी भूमि नहीं देंगे.
● अपराध की आशंका : ग्रामीणों ने रेक खाली होने के बाद बाहरी वाहन चालकों के आवागमन से क्षेत्र में संभावित अपराध बढ़ने के संदर्भ में भी गहन चर्चा की.
रेल्वे प्रशासन को चेतावनी
ग्रामसभा ने रेल्वे प्रशासन पर ग्राम सभा की अनुमति के बिना रेल्वे साइडिंग (रेक) खाली करवाकर ग्राम सभा के क्षेत्राधिकार का खुला उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
प्रस्ताव में चेतावनी दी गई है कि यदि रेल्वे प्रशासन ग्राम सभा के क्षेत्राधिकार का उल्लंघन करता है, तो ग्राम सभा अपनी पारंपरिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए कानूनी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगी.
ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा है कि वे इस कार्रवाई के खिलाफ उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी रेल्वे प्रशासन और “लुटेरी दमनकारी सरकार” की होगी.