जगदलपुर (डेस्क) – सीधी भर्ती के तहत नियुक्त कर्मचारियों के वेतन निर्धारण और अन्य समस्याओं पर सरकार का ध्यानाकर्षण तथा निराकरण को लेकर बस्तर जिला स्कूल, आश्रम, छात्रावास शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी कल्याण संघ के द्वारा आगामी दिनों में जगदलपुर से रायपुर पदयात्रा करने की बात कही गई है.

बस्तर जिला स्कूल, आश्रम, छात्रावास शासकीय चतुर्थ वर्ग कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष प्रभुनाथ पाणिग्रही ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि वर्ष 2014 में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा पांचवी अनुसूचित के तहत बस्तर संभाग में विशेष भर्ती अभियान (चतुर्थ श्रेणी) चलाया गया था. जिसके तहत बस्तर जिले के आदिवासी विकास शाखा जगदलपुर के द्वारा 199 नियमित, 464 आकस्मिक स्थापना और 186 पूर्णकालीन स्वीपर पद में सीधी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा ली गई थी. जिसमें 199 कर्मचारियों को नियमित रूप में नियुक्ति मिली थी. वहीं 464 आकस्मिक स्थापना में कर्मचारियों की वर्ष 2018 में 3 वर्ष पूर्ण होने के बाद वेतन निर्धारण (नियमितीकरण) किया गया. जबकि 186 पूर्णकालीन स्वीपर कर्मचारी 10 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी आज तक अपने वेतन निर्धारण के इंतजार में है. उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में संघ ने तत्कालीन दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों डॉ. रमन सिंह और भूपेश बघेल सरकार से लगातार पत्राचार किया था, तथा वर्तमान सरकार से भी पत्राचार कर रहे है. लेकिन इस मामले को लेकर सरकार के द्वारा किसी प्रकार से कोई संज्ञान नही लिया जा रहा है.

संघ के अध्यक्ष ने कहा है कि इसलिए उक्त 186 कर्मचारियों को विभाग के द्वारा न केवल अनदेखी की जा रही है बल्कि शोषण की सारी सीमाएं पार कर दी गई है. वर्ष 2014 में विभागीय सेटअप के तहत वित्तीय अनुमोदन होने के बावजूद प्रतिमाह वेतन भी नही दिया जा रहा है. कार्यालय से वेतन के सम्बंध में वार्ता करने पर बताया जाता है कि आबंटन की कमी की वजह से वेतन नही दिया गया. जबकि सभी 186 पूर्णकालीन स्वीपर कर्मचारी सीधी भर्ती के तहत नियुक्त है. संघ को यह भी बताया गया कि उनका बजट आबंटन मजदूरी मद से होता है. जिसमें विभाग में कार्यरत दैनिक मजदूरों के साथ वेतन आबंटित किया जाता है. जबकि उक्त दैनिक मजदूर कर्मचारियों को मौखिक आदेश के तहत बैक डोर एंट्री से भर्ती लिया गया है.

उन्होंने कहा है कि यह बताना जरूरी है कि वर्ष 2014 में सीधी भर्ती के बाद किसी भी प्रकार से दैनिक मजदूरों की भर्ती पर प्रतिबंध लगाया था. फिर यह प्रश्न उठता है कि कैसे अचानक दैनिक मजदूरी की संख्या बढ़ गई. जिससे पूर्णकालीन कर्मचारियों को मासिक वेतन के भुगतान में दिक्कत आ रही है. यही नही सरकार के द्वारा कलेक्टर पद पर कार्यरत कर्मचारियों को दिया जाने वाला श्रम सम्मान राशि भी पिछले 1 मार्च 2024 से नही दिया गया है. जिसके पीछे भी दैनिक मजदूरों की बढ़ी हुई संख्या को ही कारण बताया जा रहा है. इससे यह स्पष्ट है कि कार्यालय की लापरवाही अदूरदर्शिता और भ्रष्टाचार के शिकार हम सीधी भर्ती के तहत नियुक्त कर्मचारी हो रहे है.

उन्होंने कहा कि इन्ही सभी बिंदुओं पर सरकार का ध्यानाकर्षण करने के लिए संघ के द्वारा आगामी 1 मई 2025 से जगदलपुर से रायपुर तक पदयात्रा करने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी सरकार का ध्यानाकर्षण नही होता है तो संघ रायपुर में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगा. और अगर आवश्यकता हुई तो रायपुर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल, आमरण अनशन भी करने के लिए मजबूर होंगे. उन्होंने कहा कि 1 मई को यह पदयात्रा शुरू होगी. जब सूर्य की तपिश अपने चरम पर होगी तब इस प्रचंड गर्मी में पदयात्रा के दौरान कर्मचारियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना से इनकार नही किया जा सकता है. ऐसी परिस्थिति में किसी प्रकार की अनहोनी के लिए सरकार और सहायक आयुक्त कार्यालय जगदलपुर की पूरी जिम्मेदारी होगी.

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