सुनील कश्यप,जगदलपुर। बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक के ग्राम पंचायत केशलूर में सरपंच हरिशंकर कश्यप व सचिव प्रदीप तिवारी ने पंचायत के विकास कार्यो में जमकर भ्रष्टाचार किया है। पुराने कार्य मे लिपापोती कर शासन के रुपयों को गबन किया है।

दरअसल 2019-20 में 14 वें वित्त योजना के तहत ग्राम पंचायत केशलूर में स्टीमेट के आधार पर 5 लाख रुपये से अधिक की लागत से पंचायत भवन में बाउंड्रीवॉल बनाने की स्वीकृति मिली थी। जहां पहले से ही बाउंड्रीवाल का निर्माण किया गया था। स्वीकृति मिलने के बाद केशलूर ग्राम पंचायत के सरपंच हरिशंकर कश्यप और सचिव प्रदीप तिवारी ने पंचायत भवन के पीछे लगभग 1000 ईंट से दीवार खड़ा किया। और बाकी के हिस्सों में लिपापोती कर लगभग 4 लाख 50 हजार से अधिक राशि का आहरण कर लिया। जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने पंचायत से सांठगांठ कर निर्माण कार्य का फ़र्जी मूल्यांकन भी किया। और भ्रष्टाचार पर पर्दा भी डाल दिया। जिसकी वजह से पंचायत सचिव सरपंच फल फूल रहे हैं।
अब सोचने वाली बात यह है कि हमारे देश मे विकास और योजनाएं अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों व सरकारी कर्मचारियों पर होती है और इसी वादे को मंच पर नेताओं द्वारा पानी पी पी कर दोहराया भी जाता है। पर यदि अंतिम व्यक्ति के पास खड़े पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारी ही अंतिम व्यक्ति के हिस्से की योजनाओं में डाका डालेंगे तो विकास तो पहुंचने से पहले ही आत्महत्या कर लेगा