जगदलपुर. बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में सीएसआर मद से बीते वर्ष 2023 में चितालंका तालाब का सौंदर्यीकरण करने का कार्य स्वीकृत हुआ था. इस कार्य का टेंडर प्रक्रिया में आते ही मामला विवादित हो गया था. सूत्रों की अगर माने मछलियों के प्रजनन काल के दौरान ही तालाब से पूरा पानी बाहर बहा दिया गया. सीएसआर आर्सेलर मित्तल कंपनी के मद से तालाब का सौंदर्यीकरण होना है. बताया गया है कि यह काम अभी भी निर्माणधीन स्थिति में है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते कल मंगलवार की रात तालाब में बन रहे निर्माणधीन पुलिया में स्लैब डालने का काम चल रहा था. स्लैब डालने के बाद निर्माणधीन पुलिया के ऊपर मौजूद सभी मजदूर जब पुलिया से नीचे आ गए तभी वहां डाला गया स्लैब भरभरा कर नीचे गिर गया. हालांकि इस हादसे में किसी तरह की कोई जनहानि नही हुई. बताया गया है कि चितालंका तालाब का काम आरईएस विभाग के अधीन चल रहा है. इस विभाग के द्वारा शहर में चल रहे विभिन्न कार्य पूर्व कलेक्टर के समय से विवादों में बने हुए है. सूत्रों की अगर माने तो शहर के इस सबसे छोटे तालाब से पानी बाहर निकालकर इसे सुंदर बनाने के लिए सीएसआर मद से करोड़ो रूपये खर्च किए जा रहे है. वहीं इस तालाब में काम शुरू करने से पहले स्थानीय ग्रामीणों की सहमति नही लेने की भी जानकारी मिलने की बात सूत्रों से मिली है. सूत्रों ने बताया कि सम्बंधित विभाग के विवादित कार्यों की वजह से पूर्व ईई को हटा दिया गया था. अधिकारी के हटने के बावजूद तालाब में चल रहे निर्माण कार्य में अनियमितता देखने को मिल रही है. बता दें कि, चितालंका तालाब को सुंदर बनाने के लिए करीबन 1 करोड़ 98 लाख रुपये खर्च किए जा है.

इस मामले को लेकर दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कहा है कि “मामले की जानकारी मिली है, ठीक करवा रहा हूँ”

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