गनपत भारद्वाज, बस्तर- सरकारी राशन चांवल से पेट भरने वाले बस्तर के आदिवासी ग्रामीण इन दिनों बेहद ही परेशान हैं. सरकारी राशन दुकानों में वितरण किये जाने वाले राशन सामग्री में कटौती हो रही है. जिसके कारण ग्रामीणों को राशन नहीं मिल रहा है. सुबह से ही राशन लेने ग्रामीण राशन दुकान पहुंचकर लाइन लगाते हैं. ताकि उन्हें राशन मिले. लेकिन राशन दुकान ग्रामीणों के लिए खुलता ही नही है. हर दिन ग्रामीण राशन दुकान पहुंचते हैं और निराश होकर वापस घर लौटते हैं.

बस्तर जिले के तोकापाल ब्लॉक के रानसर्गीपाल के ग्रामीणों ने कहा कि डेढ़ महीने से राशन नहीं मिल रहा है. राशन दुकान में हर महीने समय पर राशन नहीं मिल रहा है. साथ ही लगभग 100 -150 लोगों को राशन नहीं दिया जा रहा है. सुबह से आकर खड़े रहते हैं लेकिन राशन नहीं मिलता है. वहीं दूसरे ग्रामीण ने कहा कि हर महीने 100 से अधिक लोगों को राशन नहीं दिया जा रहा है. और महीने में बराबर राशन किसी को नहीं दिया जा रहा है. लोग काफी परेशान हैं. साथ ही मोदी की गारंटी कहा जा रहा है. मोदी की गारंटी नहीं दिख रही है. हमें राशन चाहिए राशन दो.

इधर सहायक खाद्य अधिकारी दिव्यारानी कार्यान्त ने बताया कि अगस्त महीने में बस्तर जिले के अलग अलग राशन दुकानों में राशन कटने की जानकारी मिल रही है. जिसके बाद राशन दुकानों के संचालकों द्वारा आवेदन देने पर समीक्षा करके अतिरिक्त भंडारण किया जा रहा है. कटौती का कारण कुछ दुकानों में स्टॉक दिख रहा है. कुछ दुकानों में फॉर्मूला बेस पर राशन की कटौती हो रही है. आबंटन डायरेक्ट्रेट से आता है. आबंटन के आधार पर ही भंडारण किया जाता है. ऐसा नहीं बोल सकते कि यह घोटाले के कारण हुआ है. उन्हें जानकारी मिल रही है कि ग्रामीण राशन के लिए परेशान हैं. उनकी परेशानी को जांच किया जा रहा है. और अतिरिक्त भंडारण भी किया जा रहा है. फिलहाल अतिरिक्त चांवल आबंटन के 15-20 आवेदन खाद्य विभाग में आया है. जिसका निराकरण किया जा रहा है.

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