भोपाल। शहीदी सप्ताह के दौरान बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में रहे नक्सलियों के नापाक मंसूबों पुलिस से पानी फेर दिया है। मध्य प्रदेश पुलिस ने नक्सलियों को सप्लाई करने जा रहे अत्याधुनिक हथियार के साथ 8 आरोपियों को धर दबोचा है।पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी बालाघाट जिले के किरनापुर थाना क्षेत्र के किन्ही चौकी से सटे जंगल से की है। एंटी नक्सल IG मोहम्मद फरीद शापू ने बताया कि इस ऑपरेशन में राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के तस्कर पकड़े गए हैं। ये लोग कई बार नक्सलियों को अवैध हथियार और विस्फोटक सामग्री सप्लाई कर चुके है।

इन आरोपियों को दबोचा-

पुलिस के मुताबिक नक्सली 28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहीदी सप्ताह मनाते हैं। पकड़े गए आरोपी राजस्थान और मध्य प्रदेश के सिकलीगर से अवैध हथियारों का जखीरा लेकर पहुंचते थे। बालाघाट पुलिस ने जिन 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया उनमें संजय नाजी भाई चित्रझोडा(निवासी मुंबई),रोहित शिवा भाई बुटानी (मुंबई), घनश्याम शिवलाल आंचले( गोंदिया महाराष्ट्र ), विजय जीवन कोरेटी (गोंदिया महाराष्ट्र), शकील खान (कोटा राजस्थान), वाजिद तैथरी(कोटा राजस्थान ), तौसीफ(झालावाड़ राजस्थान), जितेंद्र कुमार अग्रवाल (झालावाड़ राजस्थान )शामिल हैं।

आरोपी

ये हथियार बरामद-

आरोपियों से 32 इंच की 3 पिस्टल, मैगजीन, एके 47 अनफर्निशेड-1, 8 जिलेटिन रॉड, 20 फीट की लाल रंग की कॉर्डेक्स, मोबाइल, इनोवा, स्कोडा, 9 एलईडी टॉर्च, 2 टॉर्च, एयर पंप, सफारी सूटकेस और 6 टैंट बरामद हुए हैं।

जब्त सामग्री

अंतरराज्यीय नक्सल सप्लाई नेटवर्क का पर्दाफाश-

गौरतलब है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही अंतरराज्यीय नक्सल सप्लाई नेटवर्क का पर्दाफाश भी हुआ है। गिरफ्तार आरोपी बालाघाट जिले में सक्रिय टांडा दलम, मलाजखंड दलम दर्रेकसा दलम एवं विस्तार प्लाटून 2, विस्तार प्लाटून 3, खटिया मोर्चा एरिया कमेटी के नक्सलियों को अवैध हथियार और विस्फोटक सामग्री सप्लाई करते थे। एंटी नक्सल आईजी ने बताया कि पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। कई और लोगों की इस मामले में गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

पैसे कमाने के लिए करते थे ये काम-

पुलिस ने बताया कि आरोपी ज्यादा पैसे कमाने के लालच में ये काम करते थे। हथियारों के बदले में नक्सलियों से उन्हें बहुत पैसा मिलता था। ये जांच का विषय है कि आरोपी नक्सली गतिविधि में शामिल रहे हैं या नहीं। आरोपियों के मध्य प्रदेश समेत छग व महाराष्ट्र में सक्रिय नक्सली कमांडरों से संपर्क थे। यही नहीं वे समय-समय पर नक्सली कमांडरों से गुपचुप तरीके से मिलकर उनसे हथियारों व विस्फोटकों की डिमांड लेकर सप्लाई करते थे।

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