सुनील कश्यप, जगदलपुर – छत्तीसगढ़ में लगातार 5 दिनों से जूनियर डॉक्टरों के साथ ही इंटर्न, जेआर व अन्य डॉक्टर अपनी मानदेय में वृद्धि नही होने के कारण हड़ताल में है. मेकॉज सहित सभी जगहों पर स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. जिसके चलते लोग अस्पतालों में भर्ती मरीजों को जबरन छुट्टी दिलाते हुए घर ले जाने को विवश है.

मंगलवार को पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप डॉक्टरों का समर्थन में मेकॉज पहुंचे. जहां प्रदेश की भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. वहीं विरोध प्रदर्शन के रूप में डॉक्टरों ने रक्तदान भी किया. डॉक्टरों का समर्थन करने पहुंचे पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि 17 जनवरी से लगातार डॉक्टरों के द्वारा अपनी मांगों को पूरी करने के लिए हड़ताल पर हैं. स्वास्थ्य मंत्री को प्रदेश के मरीजों की चिंता करनी चाहिए. स्वास्थ्य मंत्री जब खुद ही इन डॉक्टरों के मांग को जायज बताते हुए मांग को पूरी करने की बात कहते है तो फिर दिक्कत कहा आ रही है. साथ ही केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री की आपसी लड़ाई के चलते स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से बद से बदतर हो रही है. मेकॉज में भर्ती होने वाले मरीज उपचार नहीं होने के कारण निजी अस्पताल की ओर रुख कर रहे है. अन्य राज्यो की तरह छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों को भी समान वेतन मिलना चाहिए.

वहीं डॉक्टरों का कहना है कि कम वेतन मिलने और मानदेय में 4 वर्ष के बाद भी किसी भी प्रकार से कोई भी वृद्धि नहीं होने पर छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टर से लेकर इंटर्न डाक्टर लगातार कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे है. अस्पताल के वार्डो की स्थिति पूरी तरह से बिगड़ गई है, सीनियर डॉक्टर के अलावा कुछ डॉक्टर काम तो कर रहे है. लेकिन मरीज की स्थिति को देखते हुए परिजन मरीजों का जबरन छुट्टी कराकर या तो अपने घर ले जा रहे है या फिर निजी अस्पताल का सहारा ले रहे है. अपने विरोध प्रदर्शन के तहत मंगलवार को डॉक्टरों के द्वारा अस्पताल परिसर के स्टैंड में ही 2 बिस्तर लगाते हुए वहां पर 60 से अधिक डॉक्टरों ने रक्तदान किया. धरने में भाजयुमो प्रदेश मंत्री जयराम दास, बृजनंदन वर्मा, संजय उपाध्याय, अमित रामटेके, पप्पू चालकी भी उपस्थित थे.

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