सुनील कश्यप, नारायणपुर- ओरछा विकासखण्ड मुख्यालय में रामकृष्ण मिशन आश्रम द्वारा कुपोषित बच्चों हेतु संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र की व्यवस्थाओं के सुधार के लिए एवं समस्या को दूर करने के लिए अतिरिक्त कक्ष, टॉयलेट, पोषण वाटिका एवम पेयजल हेतू बोर कराने टीम पहुची। सम्बंधित द्वारा आज कार्य प्रारंभ करने सामग्री एवं बोर करने गाड़ी पहुँची। कार्य करने पहुँची टीम को अनुमति के नाम पर रोक दिया गया।

केंद्र के स्टाफ द्वारा बताया गया कि महाराज द्वारा अनुमति प्राप्त होने के बाद ही कार्य प्रारंभ करने दिया जाएगा। महाराज द्वारा अनुमति नही मिलने के उपरांत टीम को सामग्री और बोर गाड़ी को वापस लाना पड़ा। आश्रम प्रबंधन को कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य एवं गर्मी को देखते हुए बोर कराने से मना करना चर्चा का विषय बना हुआ है और सवाल पैदा करता है कि आश्रम प्रबंधन कार्य करवाने से मना क्यो किया। कुपोषित बच्चों की सेहत और अपने स्टाफ की समस्या को ध्यान में रखते हुए तत्काल कार्य करवाने चाहिए थे, लेकिन रामकृष्ण आश्रम द्वारा ऐशा नही किया। कार्य नही कराने देना कुपोषित बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ है। ओरछा विकासखण्ड अबूझमाड़ के नाम से जाना जाता है, यहाँ विकास कार्य बहुत मुश्किल से हो पाता है या सामग्री नही पहुँच पाता या कार्य करने वाले नही पहुँच पाते। इस प्रकार का मामला पहली बार आया है कि सामग्री लेकर और बोर करने गयी टीम सिर्फ अनुमति के नाम पर रोक दी गयी हो।

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