सुकमा (डेस्क) – छत्तीसगढ़ शासन की महिला एवं बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े आज शुक्रवार को अपने एकदिवसीय प्रवास पर सुकमा पहुंची. इस दौरान उन्होंने जिले में संचालित विभिन्न विभागीय संस्थाओं का निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
मंत्री श्रीमती राजवाड़े आँगनबाड़ी केंद्र गोलागुड़ा और बाजारपारा सुकमा पहुंची. उन्होंने बच्चों से सीधे संवाद कर उनकी दिनचर्या स्वास्थ्य, भोजन और शिक्षा जैसी गतिविधियों की जानकारी ली. उन्होंने बच्चों के साथ फर्श पर बैठकर एबीसीडी और पहाड़ा के बारे में जानकारी ली. बच्चों ने श्रीमती राजवाड़े को कविता पाठ सुनाया. मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने गुणवत्तापूर्ण भोजन करने और बच्चों को उनकी बोली भाषा में पढ़ाने के निर्देश दिए.
मंत्री राजवाड़े ने कुम्हाररास में स्थित आकार संस्था का भी भ्रमण किया. भ्रमण के दौरान संवेदी कक्ष में संवेदना विकास हेतु की जाने वाली गतिविधियों से अवगत होकर संस्था में उपलब्ध संसाधनों की प्रशंसा की. दिव्यांग बच्चों ने मनमोहक गाने के साथ की मंत्री महोदया का आत्मीय स्वागत भी किए. उन्होंने संस्था के विभिन्न कक्षाओं में घूम – घूमकर बच्चों के लिए उपलब्ध व्यवस्थाओं को देखा. मंत्री ने बच्चों से आत्मीयता से मुलाकात की पढ़ाई – लिखाई के बारे में बातचीत की और उन्हें फल व चॉकलेट देकर प्रोत्साहित किया. इस दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि सभी बच्चों को पढ़ाई के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. संस्था के में रह दिव्यांग बालक और बालिकाओं के लिए समाज कल्याण विभाग के समन्वय से कृत्रिम पैर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए.
इसके पश्चात महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े नक्सल पुनर्वास केंद्र पहुंची. उन्होंने केंद्र में उनके रहने, खाने और व्यवस्थापन के संबंध में जानकारी प्राप्त की. इस दौरान कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने बताया कि पुनर्वास के लिए सभी आत्मसमर्पितों को विभिन्न प्रशिक्षण प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान किए जा रहे हैं. आत्मसमर्पित माओवादियों ने मंत्री को गाना गाकर सुनाया. कार्यक्रम के दौरान 25 प्रशिक्षणार्थियों को मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने मेशन ट्रेड का प्रमाण पत्र वितरित की. उन्होंने केंद्र में निवासरत लोगों से चर्चा की और उन्हें समाज की मुख्य धारा में जुड़कर परिवार के साथ प्रेमपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा दी.
इसके बाद मंत्री सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंची, जहां उन्होंने वहां मिलने वाली सेवाओं की जानकारी ली. बताया गया कि सेंटर में प्रतिमाह 7 से 9 प्रकरण सामने आते हैं, जिनमें प्रत्येक केस में औसतन तीन बार काउंसलिंग की जाती है. मंत्री ने कर्मचारियों को कहा कि महिलाओं का मामला बहुत संवेदनशील होता है कोशिश करें कि मामला आपसी समन्वय से सुलझाया जा सके.
मंत्री श्रीमती राजवाड़े का यह दौरा विभागीय कार्यों की समीक्षा की. बच्चों तथा महिलाओं के लिए संचालित योजनाओं को शत प्रतिशत जमीनी स्तर पर पूर्ण करना आवश्यक है. पर्यवेक्षकों को नियमित फील्ड भ्रमण कर कुपोषण दर में कमी लाने के निर्देश दिए गए. निर्देशों के पालन करने से जिले में बच्चों एवं महिलाओं की देखरेख से संबंधित सेवाओं में और सुधार की अपेक्षा की जा रही है.
इस अवसर पर कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने जिला प्रशासन द्वारा संस्थाओं के संचालन एवं सहयोग के बारे में बताया. इस दौरान राज्य महिला आयोग की सदस्य दीपिका शोरी, वरिष्ठ जनप्रतिनिधि धनीराम बारसे, संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग पीएल एल्मा, अपर कलेक्टर गजेंद्र सिंह ठाकुर, जिला महिला बाल विकास अधिकारी बिस्मिता पाटले सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण और जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे.