बस्तर, सुकमा- पूरे भारत देश में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण किया गया. इसी दिन छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के गोमगुड़ा में भी आजादी के बाद पहली बार ग्रामीणों और जवानों ने ध्वजारोहण किया. सुबह से ही जवान और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में एकजुट हुए. और उत्साह के साथ तिरंगा झंडा फहराने के बाद बुलंद आवाज में नारे लगाए. जय हिंद के नारे पूरे गांव में 26 जनवरी के दिन गूंजने लगे. जिसके बाद जवानों और ग्रामीणों ने मिलकर आपस में बधाई और शुभकामनाएं एक दूसरे को देकर मिठाई बांटी. और पूरे गांव में रैल्ली भी निकाली.

CRPF 241 बस्तरिया बटालियन के सीओ हरविंदर सिंह ने बताया कि बस्तर में 4 दशकों से काबिज माओवाद को समाप्त करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी जा रही है. इसी लड़ाई के तहत माओवादियों के कोर इलाके में नए सुरक्षाकैम्प स्थापित करके जवान उन क्षेत्रों को अपने कब्जे में ले रहे हैं. इन्ही क्षेत्रों के एक सुकमा जिले का गोमगुड़ा है. यह नक्सल संगठन के सबसे मजबूत लाल लड़ाके PLGA का इलाका हुआ करता था. गोमगुड़ा में बीते महीनों में नवीन सुरक्षा कैम्प CRPF 241 बस्तरिया बटालियन की तैनाती हुई. जिसके बाद इलाके को अपने कब्जे में लेकर जवान ग्रामीणों को अपने भरोसे में लेने लगे. और ग्रामीण अपने परेशानियों और समस्याओं को भी जवानों से साझा करने लगे. जिसका नतीजा यह रहा कि पहली बार नक्सलियों के PLGA बटालियन के कोर इलाके में तिरंगा ध्वज शान से फहराया है. और जय हिंद के नारे गूंजे हैं. निश्चित ही आने वाले समय में जवान और भी अंदुरुनी इलाके में घुसेगी और माओवादियों की समाप्ति के लिए अपना कदम बढ़ाएगी.

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