सुनील कश्यप, नारायणपुर- ज़िले में एक बार फिर माओवादियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. और मुखबिर की शक में एक ग्रामीण की धारदार हथियार से हत्या कर दी है. हत्या करने के बाद शव को ओरछा में फेंक दिया है. साथ ही घटना स्थल पर माओवादियों ने पर्चा भी फेंका है. जिसमें माओवादियों ने 15 जून को हुए फ़रसेबेडा कोडतामेटा कुतुल मुठभेड़ का मुख्य जिम्मेदार बताया है.

मिली जानकारी के अनुसार कोहकमेटा थाना क्षेत्र के नेलंगुर गांव के निवासी सन्नू उसेंडी उम्र 30 वर्ष जो वर्तमान में बांस शिल्प कॉलोनी नारायणपुर में निवासरत था. जो बीते दिनों अपने गांव नेलंगुर गया हुआ था. जिसके बाद माओवादियों ने उक्त व्यक्ति को नेलंगुर क्षेत्र में पकड़ लिया. जिसके बाद 30 जून की रात्रि जंगल मे हत्या करने के बाद शव को ओरछा के बटुमपारा चौक में फेंककर चले गए. साथ ही माओवादियों घटना स्थल पर पर्चा फेंककर मुखबिरी का आरोप लगाया है. इस घटना के बाद पुलिस के जवान घटना स्थल पर पहुंचे. और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल रवाना किया गया. और इलाके में सर्चिंग अभियान जारी रखने की बात कही.

दरअसल 14 जून को नारायणपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा और कोंडागांव से फोर्स की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया. इसमें स्थानीय पुलिस टीम के साथ डीआरजी, एसटीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ और एसटीएफ शामिल रहे. सभी जवान कुतुल, फरसेबेड़ा और कोड़तामेटा के जंगलों में पहुंचे. जब सुरक्षाबल के जवान घेराबंदी कर रहे थे. तभी माओवादियों की ओर से गोलीबारी शुरू हो गई. यह फायरिंग काफी देर तक रुक रुक कर चलती रही. और 15 जून को भीषण मुठभेड़ हुई. एनकाउंटर के बाद इलाके से 8 माओवादियों के शव बरामद किए गए थे. इसके साथ ही एक इंसास राइफल, एक .303 राइफल, एक बैरल ग्रेनेड लांचर (बीजीएल) और अन्य हथियार भी जब्त किए गए थे. इस ऑपरेशन में एसटीएफ का एक जवान शहीद हो गया था. वहीं 2 जवान घायल हुए थे. इसी मुठभेड़ में पुलिस मुखबिर का आरोप लगाकर माओवादियों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया. और नक्सली पर्चे में इसका जिक्र भी किया.

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