जगदलपुर (अमन दास मानिकपुरी). बस्तर में सुरक्षाबलों के द्वारा माओवादियों के खिलाफ लगातार चलाये जा रहे मिशन के तहत पुलिस को बीते कल रविवार को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है. पुलिस ने माओवादियों के एक बड़े नक्सली नेता को गिरफ्तार किया है. इस मामले की पुष्टि बस्तर आईजी ने की है.
बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि पुलिस को बीते कई दिनों से कांकेर जिले के अलग – अलग इलाकों में नक्सली संगठन के उत्तर बस्तर सब जोनल ब्यूरो के बड़े नक्सली नेता प्रभाकर राव के गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी. इसके बाद पुलिस ने प्रभाकर को पकड़ने की कोशिश शुरू की. इसी दौरान पुलिस कांकेर जिले के अंतागढ़ थाना क्षेत्र में नाकेबंदी करते हुए चेकिंग कर रही थी. चेकिंग के दौरान पुलिस ने प्रभाकर राव की पहचान करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया. आईजी ने बताया कि प्रभाकर राव उर्फ बालमूरी नारायण राव नक्सली संगठन का बड़ा लीडर है. प्रभाकर बीते वर्ष 1984 से अभी तक (लगभग 40 वर्षों से) नक्सली संगठन में सक्रिय रूप से काम कर रहा था. आईजी ने बताया गिरफ्तार बड़े नक्सली नेता प्रभाकर राव के खिलाफ छत्तीसगढ़ सहित अन्य कई राज्यों में दर्जनों अपराध दर्ज है. प्रभाकर लॉजिस्टिक सप्लाई और लॉजिस्टिक इंचार्ज, ओड़िसा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के बड़े नक्सली नेताओं का करीबी सहयोगी रहा है. प्रभाकर नक्सली संगठन के सीसीएम सचिव गणपति का चचेरा भाई है. प्रभाकर का नक्सली संगठन के सीसीएम सचिव बसवा राजू, सीसीएम के. रामचन्द्र रेड्डी उर्फ राजू, देवजी उर्फ कुमा दादा, कोसा, सोनू, मल्लाराजा रेड्डी उर्फ संग्राम का भी करीबी रह चुका है. प्रभाकर की पत्नी राजे कांगे नक्सल संगठन के डीवीसी सदस्य के साथ ही रावघाट एरिया कमेटी की प्रभारी है. आईजी ने गिरफ्तार नक्सली नेता प्रभाकर के मामले में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि प्रभाकर राव (57) मूलतः तेलंगाना राज्य के जिला जगित्याल के ग्राम बीरपुर का रहने वाला है. प्रभाकर वर्ष 1984 से नक्सल संगठन में पार्टी सदस्य के रूप में भर्ती हुआ था. वर्ष 1984 – 1994 तक प्रभाकर अविभाजित राज्य आंध्रप्रदेश में नक्सली संगठन में सक्रिय था. इसके बाद प्रभाकर वर्ष 1995 से 1997 तक मध्यप्रदेश के बालाघाट में सक्रिय रहा. वर्ष 1998 से 2005 तक प्रभाकर उत्तर बस्तर के कोयलीबेड़ा इलाके में सक्रिय रहा. सन 2005 से 2007 तक प्रभाकर DKSZC सप्लाई टीम और अर्बन नेटवर्क का काम करता था. साल 2007 से 2008 तक ये नक्सली मानपुर – मोहला क्षेत्र में सक्रिय रहा. इसके साथ ही वर्ष 2008 से अभी तक प्रभाकर DKSZC सप्लाई व एमओपीओएस (मोबाइल पोलेटिकल स्कूल) के प्रभारी के रूप में काम कर रहा था. प्रभाकर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस अधिकारियों ने क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगने की उम्मीद जताई है. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार नक्सली नेता प्रभाकर को अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है. पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार नक्सली नेता प्रभाकर कई अहम खुलासे कर सकता है.