बस्तर- छत्तीसगढ़ के बस्तर के घने जंगल वन्यप्राणियों के लिये काफी अनुकूल है. इस कारण विलुप्राय वन्यप्राणी बस्तर के जंगल में पाए जाते हैं. बस्तर में विलुप्राय वन्यजीव पेंगोलिन की तस्करी करते हुए 4 अंतर्राज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है.

बस्तर वनमंडला अधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता ने बताया कि बस्तर और उड़ीसा के सीमावर्ती इलाके में कुछ व्यक्ति विलुप्राय वन्यजीव की तस्करी करने की फिराक में रहने की सूचना मुखबिर से मिली थी. इस सूचना पर वन परिक्षेत्र अधिकारी सौरभ रजक व अन्य अधिकारियों की एक संयुक्त टीम तैयार किया गया. जिसके बाद टीम को कार्यवाही के लिए कोलावल क्षेत्र में रवाना किया गया. टीम द्वारा करपावंड और कोलावल मार्ग में घेराबंदी करके 2 मोटरसाइकिल में सवार 4 संदिग्धों को धर दबोचा. जिन्होंने ने जूट के एक थैले में जीवित वन्यजीव पेंगोलिन रखा हुआ था. वन्यजीव को वन विभाग के द्वारा अपने कब्जे में लेकर सभी तस्करों को करपावंड वन परिक्षेत्र कार्यालय में लाया गया. और पूछताछ करने पर सभी आरोपी उड़ीसा के निवासी बताए. जिन्होंने पेंगोलिन को उड़ीसा से छत्तीसगढ़ लाकर बेचने की फिराक में ग्राहक तलाश रहे थे. जिसके बाद सभी के खिलाफ वन अधिनियम 1972 और वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के विभिन्न धाराओं के तहत अपराध प्रकरण कर वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.

इस कार्यवाही में SDO देवलाल दुग्गा, SDO योगेश कुमार रात्रे, रेंज ऑफिसर सौरभ रजक, रेंज ऑफिसर सूर्यप्रकाश ध्रुव, रेंज ऑफिसर प्रकाश ठाकुर, रेंज ऑफिसर देवेंद्र यादव, जयराज पात्र, श्रीधर स्नेही, बनसिंह कर्मा, सुखपाल यादव, कमलू देवा, तुलेश बघेल, मंगल कश्यप, रघुनाथ नाग, सोनाधर मौर्य, कमलोचन बघेल शामिल थे.

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