सुनील कश्यप, जगदलपुर। बस्तर में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है इन्हीं प्रतिभाओं को निखारने के लिए और खेल के माध्यम से बस्तर के खिलाड़ियों का नाम रौशन करने के लिए तोकापाल क्रिकेट क्लब ने अंतरराज्यीय ड्यूज बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया है. इस टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों के अलावा पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश तेलंगाना और उड़ीसा के खिलाड़ी भी शामिल होने के लिए बस्तर पहुंचे हैं.
तोकापाल क्रिकेट क्लब के खिलाड़ी व आयोजनकर्ता अभिषेक डेविड ने बताया कि तोकापाल क्लब रेलवे मैदान में अंतरराज्यीय क्रिकेट प्रतियोगिता कराने की योजना तैयार कर रही थी. और स्थानीय सांसद दीपक बैज, विधायक राजमन वेन्जाम व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा खेल प्रेमियों की मदद से खेल की शुरुआत हो चुकी है. और इस खेल में शामिल होने के लिए बढ़-चढ़कर खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी राज्यों से पहुंच रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में ऐसे ही खेल प्रतियोगिता का आयोजन बस्तर के अलग-अलग स्थानों में किया जाएगा. जिससे यहां के स्थानीय खिलाड़ियों को मौका मिलेगा और वे अपने प्रतिभाओं को उभार पाएंगे. और आने वाले दिनों में बस्तर का नाम रौशन करते हुए भारतीय क्रिकेट में शामिल होंगे.
बस्तर जिले के चयनकर्ता विवेक राय ने बताया कि बस्तर जैसे पिछड़े जिले में बहुत सी प्रतिभाएं हैं. लेकिन उन्हें सहीं मंच नहीं मिल पाता है. इस तरह के आयोजनों से बस्तर के खिलाड़ी को मंच मिलेगा और वे आगे की ओर अग्रसर होंगे. इसके अलावा यह भी बताया कि बहुत से लोगों को यह जानकारी नहीं है कि बस्तर से कई ऐसे खिलाड़ी है जो छत्तीसगढ़ की रणजी टीम में शामिल होकर अच्छे खेल का प्रदर्शन कर रहे हैं. जिनमें सौरभ मजूमदार, करणदीप सग्गू, पलास मंडल, अब्दुल अनस, आदित्य गुहा व अन्य खिलाड़ी शामिल हैं.
इधर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थिति रीता कुजूर ने बताया कि वे जशपुर के निवासी हैं और आज तोकापाल मैदान में जशपुर और उड़ीसा के मध्य क्रिकेट मैच खेला गया. जिसे देखकर वे बहुत ही खुशी महसूस किए. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उनके बच्चे भी स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं. और अपने बच्चों को खेल के लिए हमेशा प्रेरित करते हैं.
तोकापाल के स्थानीय निवासी सहदेव नाग ने बताया कि हर किसी बच्चे और युवा को किसी ना किसी खेल खेल से जुड़कर अपनी प्रतिभा को उभारने की आवश्यकता है. यदि युवा व बच्चे खेल से जुड़ते हैं तो वह अनुशासित होते हैं. इसके अलावा व अन्य गतिविधियों से दूर रहते हैं हिंदी नो बस्तर के अलग-अलग इलाकों में देखने को मिलता है कि युवा नशाखोरी में लिप्त है, आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं और वह अपना भविष्य खराब करते हैं. ऐसे में यदि वे किसी खेल को चुनते हैं. तो इन गतिविधियों से दूर होंगे. और खेल के माध्यम से अपने नाम के साथ ही परिवार का नाम भी रौशन करेंगे और बस्तर के नाम को ऊंचा उठाएंगे.