बस्तर। द बस्तर डिस्ट्रिक आंध्र समाज एसोशिएसन द्वारा हर साल की तरह इस साल भी शहर से लगे लामिनी पार्क में कार्तिक मास वन भोजनम कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें आंध्र समाज के सदस्य बड़ी संख्या में सपरिवार मौजूद रहे ,रविवार सुबह आंध्र प्रदेश से आए महान ज्योतिषि के सानिध्य में भक्तों ने लामिनी पार्क में स्थित आंवले के वृक्ष पर भक्ति भाव और पूरे विधि विधान के साथ पहले पूजा पाठ किया, पूजा विधान के अलावा आंध्र समाज के द्वारा पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रम और महिला और बच्चों के लिए खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित किए गए, सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही आंध्र प्रदेश से आए. आगमम और स्थापत्यम के ज्ञान के आधार पर यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवा चुके विख्यात वास्तु शास्त्र डॉ. बाल भास्करण जी द्वारा अध्यात्म और वास्तुशास्त्र पर संक्षिप्त उद्बोधन दिया गया. साथ ही मिमिक्री आर्टिस्ट ने अपने हास्य कला से और अन्य खेल प्रदर्शन के जरिये जमकर समा बांधा, साथ ही कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल होकर लोगों ने प्रसाद के रूप में दक्षिण भारतीय व्यंजनों का लुफ्त उठाया , वन भोजनम कार्यक्रम में नृत्य, गीत, संगीत के प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई थी, जिसमें महिलाएं बच्चों के अलावा पुरुषों ने भी भाग लिया, लगभग 3 घंटे से अधिक समय तक चले इन कार्यक्रमों के बाद विजेताओं को पुरस्कृत किया गया, इस मौके पर संसदीय सचिव और जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन, इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना, और समाज के अध्यक्ष एम जयंत नायडू, सचिव सुब्बाराव समेत आंध्र समाज के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रह.

आंध्र समाज के अध्यक्ष एम. जयंत नायडू ने बताया कि आने वाले सालों में समाज के द्वारा शहर के गंगामुंडा तालाब परिसर में भव्य शिव मंदिर भी बनाया जा रहा है, जिसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है, इस आयोजन का उद्देश्य कार्तिक महीने के पवित्र दिनों में समाज में एकजुटता और भाईचारा लाने के लिए हर साल वन भोजनम का आयोजन किया जाता है, जिसमें बस्तर के अलावा दूसरे राज्य के भी आंध्र समाज के लोग शामिल होते हैं ,आयोजन में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की जाती है, इसके अलावा इस बार आंध्र प्रदेश के महान ज्योतिषी आगमम और स्थापत्यम के ज्ञान के आधार पर यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवा चुके विख्यात वास्तु शास्त्र डॉ. बाल भास्करण जी को भी आमंत्रित किया गया था, जिन्होंने वास्तु से संबंधित कई महत्वपूर्ण ज्ञान समाज के लोगों को दी ,इसके अलावा मिमिकरी आर्टिस्ट ने काफी देर तक अपने हास्य कला से समा बांधा.

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