चेतन कापेवार, बीजापुर। शासकीय पदों में स्थानीय स्तर पर भर्ती के अलावा बस्तर फाइटर में आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के पहले चरण में फर्जी निवास प्रमाण पत्र संबंधी शिकायतों को लेकर राज्य युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने अपना वकतव्य दिया है।
सोशल मीडिया पर प्रेस को दिए अपने वक्तव्य में अजय का कहना है कि बस्तर फाइटर भर्ती में निवास प्रमाण पत्र को लेकर जो भी शिकायतें मिल रही हैं, प्रशासन को उसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। दस्तावेजों की सुक्ष्मता से जांच के बाद ही अभ्यर्थियों का चयन किया जाना चाहिए। मौके पर तहसीलदार, पटवारी की तैनाती कर मौके पर शिकायतों का निराकरण किया जाना चाहिए। वो चाहे अभ्यार्थियों की तरफ से आरोप लग रहो हो या राजनीतिक दलों की निषानदेही पर जिन पर शक की सुई घुम रही हो, उनके विरूद्ध त्वरित जांच होनी चाहिए। तत्परता दिखाकर प्रषासन स्थानीय बेरोजगार युवक-युवतियों को न्याय दे सकता है, इसके अलावा ऐसे मामलों में जिम्मेदारों को भी बख्शा ना जाए, जिन्होंने नियम विरूद्ध फर्जी निवास प्रमाण पत्र जारी करवाने में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष मदद की हो। ऐसे जिम्मेदार हुक्मरानों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। गौरतलब है कि फर्जी निवास प्रमाण पत्र से जुड़ी षिकायतंे लगातार मिल रही है। जिसे लेकर स्थानीय युवाओं में रोष व्याप्त है, बावजूद इस तरह के मामले थमने के बजाए रोज सामने आ रहे हैं। अजय का कहना है कि प्रशासन ऐसे मामलों में तत्परता से अंकुश लगाएं। रिश्वत लेकर प्रमाण पत्र तैयार करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। लोकल भर्तियों में बाहरी उम्मीदवार फर्जी सर्टीफिकेट के जरिए दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता मिलने के बजाए उनका हक छीना जा रहा है। इस तरह के फर्जी प्रमाण पत्र बनाने में संलिप्त उन शासकीय कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। स्थानीय बेरोजगारों को हित में प्रशासन को इस मामले में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उनकी मांग है कि निवास प्रमाण पत्र की जांच के लिए प्रषासन भर्तियों में विशेष निगरानी दल के जरिए फर्जीवाड़ा करने वाले उम्मीदवारों समेत संलिप्त दोषियों की पहचान उजागर कर उन पर कार्रवाई करें।