जगदलपुर- बस्तर संभाग के खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए बस्तर में लगातार प्रयास किया जा रहा है. बीते दिनों बस्तर में हाफ मैराथन का आयोजन किया गया था. जिसमें प्रदेशभर से करीब 700 धावकों ने दौड़ लगाया था. वहीं अब बस्तर ओलंपिक का भी आयोजन बस्तर में किया गया है. इस ओलंपिक की शुरुआत 5 नवम्बर को बस्तर में हुई है. बस्तर जिले के अलग अलग विकासखंडों में खेल जारी है. बस्तर ओलंपिक का जायजा लेने के लिए हमारी टीम तोकापाल विकासखंड में पहुंची. जहां कुछ खेल जारी था. कुछ खेल खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में शुरू ही नहीं हो सकी. वहीं 1 मैच के बाद कुछ खेलों में खिलाड़ियों को फाइनल तक पहुंचा दिया गया. रिले रेस में एक ही खिलाड़ी दौड़ा जिसे हारने का डर ही नहीं था. क्योंकि उसके प्रतिद्वंदी उपस्थित ही नहीं हुए. वहीं फुटबॉल में केवल 1 ही टीम पहुंची. और खोखो खेल खिलाड़ियों के अभाव में शुरू ही नहीं हुआ. जबकि बस्तर में 37 हजार खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया था.

खिलाड़ियों और ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों ने बताया कि कबड्डी के खिलाड़ी एक मैच के बाद सीधे फाइनल में पहुंच गए. क्योंकि अगला मैच खेलने के लिए दूसरी टीमें मौजूद नहीं थी. इसके अलावा मैदान में दौड़, रिलेरेस, भाला फेंक, गोला फेंक, ऊंची कूद, बॉलीवाल, बैडमिंटन जैसे विभिन्न खेल आयोजित किया गया था. इसके अलावा यह भी बताया कि खिलाड़ियों के लिए मैदान में मेडिकल की सुविधा, पानी की सुविधा, टेंट की सुविधा और खाने की सुविधा उपलब्ध थी. हालांकि खाने में खिलाड़ियों को केवल दाल चांवल और आचार ही मिलता है. जिसमें एक सब्जी शामिल किया जा सकता था. इसके अलावा मैदान पूरी तरह से खाली था. जिसके जिम्मेदार 13 ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव और प्रमुख लोग हैं. जिन्हें मुनादी करके गांव में खेल की सूचना पहुंचानी थी. और तारीख के साथ जगह व समय बताने की आवश्यकता थी. कुछ लोग जो मोबाइल फोन से जुड़े हैं उन्हें जानकारी मिली. जिसके बाद वे खेलने पहुंचे. बाकी सूचना के अभाव में घर पर ही मौजूद हैं. अन्यथा पूरा मैदान खिलाड़ियों से भरा होता. वहीं महिलाओं के लिए रस्सी खींच प्रतियोगिता आयोजित किया गया था. लेकिन एक भी महिला इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए मैदान नहीं पहुंची.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *