बीजापुर (चेतन कापेवार). फूतकेल में सड़क चोरी की शिकायत के बाद पीएमजीएसवाई बीजापुर के कार्यपालन अभियंता नागेश अब तक चुप्पी साधे हुए है. मामला सुर्खियों में आने के बाद इसकी चर्चा ऊपर तक है फिर भी बीजापुर पीएमजीएसवाई विभाग ने मामले में कोई खास दिलचस्पी दिखाई नही है, फिर भी इस सड़क निर्माण से सम्बद्ध इंजीनियर और ईई की टेंशन जरूर बढ़ी हुई है.

दरसल सड़क चोरी की शिकायत के अगले ही दिन ईई नागेश दो कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुँचे थे. फूतकेल गांव के तिराह से उन्होंने जांच शुरू की थी. इस दौरान वहां मौजूद मीडिया कर्मियों से किसी तरह की चर्चा के लिए उन्होनें खुद को अधिकृत ना बताते हुए कैमरे पर कुछ भी कहने से इनकार किया था.

इस दौरान पटेलपारा बसाहट के समीप पूजारीपारा सड़क के माइलस्टोन के नजदीक सड़क निर्माण से सम्बंधित बोर्ड पर ईई का गुस्सा फूट पड़ा. फोन में किसी शख्स पर झल्लाहट उतारते ईई नजर आए. जिसमे ईई कहते सुनाई पड़ रहे है..संधारण बोर्ड..जबरदस्ती वहां क्यों लगाए हो..फिर ड्रायवर को कह रहे..फिर से जीरो कर..

मेरी मुर्गी की तीन टांग !

शिकायत के अगले ही दिन फूतकेल पहुँचे ईई नागेश से जब सडक पर सवाल किया गया, तो कैमरे कुछ कहने से उन्होने इनकार कर दिया, लेकिन अनौपचारिक चर्चा में फूतकेल को एक 3 किमी सड़क को पटेलपारा सड़क बताने लगे, इस पर उनसे यह सवाल किया गया कि सड़क 2 किमी की तो 3 किमी कैसे बन गई ? इस पर कोई संतोषप्रद उत्तर दे नही पाए केवल डीपीआर – अलाइमेन्ट का हवाला देते उस सड़क को पटेलपारा की सड़क बताते रहे. वही डीपीआर अवलोकन हेतु आवेंदन का हवाला दिया.

गांव वर्षों से एक स्थान पर बसा:-

जिस पटेलपारा बस्ती की बात हो रही है, वह गांव तीन दशक से भी ज्यादा समय से एक ही स्थान पर बसा हुआ है, बावजूद गांव तक सड़क ना बनना, हीरापुर को जोड़ती सड़क को पटेलपारा सड़क बताया जाना, 2 की जगह 3 किमी सड़क का निर्माण स्थानीय के साथ जांच करने गए भाजपाइयों के हलक भी उतर नही रहा.

दाल में कुछ काला:-

जांच दल का भी कहना था कि दाल में कुछ काला जरूर है, लिहाजा इसकी उच्च स्तरीय जांच जरूरी है, जिसमे सम्बद्ध इंजीनियर के साथ ईई नागेश की भूमिका की जांच होनी चाहिए, आखिर क्या वजह है जो ईई इस मामले में मीडिया – जनप्रतिनिधियों के सवालों से बच रहे है.

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