सुकमा (डेस्क) – जिले के अंतिम छोर पर बसे कोंटा नगर में सरकारी जमीन पर कब्जे की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है. फॉरेस्ट नाका के सामने की सरकारी जमीन पर कई लोगों ने पहले ही कब्जा कर लिया है, और अब बाकी बची जमीन पर कब्जा जमाने की कोशिशें हो रही हैं. इस मामले में शिक्षा विभाग के सरकारी कर्मचारी और फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी आमने-सामने हो गए हैं.

दबंगई और प्रशासनिक लापरवाही

दोनों पक्षों के बीच रोड पर लड़ाई हो रही है, जिसमें सरकारी दबंगई साफ नजर आ रही है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकारी कर्मचारी हर बात पर मंत्री का नाम लेकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है. नगर प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है, जिससे सरकारी जमीन पर कब्जे की समस्या और बढ़ सकती है.

सरकारी जमीन पर कब्जे से समस्या

कोंटा नगर में सरकारी जमीन पर कब्जे की समस्या कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कई बार सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामले सामने आ चुके हैं. लेकिन इस बार का मामला अलग है, क्योंकि इसमें सरकारी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी आमने-सामने हैं.

स्थानीय लोगों की परेशानी

स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी जमीन पर कब्जे की लड़ाई से उन्हें परेशानी हो रही है. उनका आरोप है कि सरकारी कर्मचारी और अधिकारी अपनी दबंगई दिखाने के लिए मंत्री का नाम लेकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है.

प्रशासन की कार्यवाही का इंतजार

अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है. क्या प्रशासन सरकारी जमीन पर कब्जे की समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर यह मामला भी ऐसे ही चलता रहेगा. स्थानीय लोगों को प्रशासन से न्याय की उम्मीद है.

सरकारी जमीन की सुरक्षा की मांग

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सरकारी जमीन की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. साथ ही, सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को रोकने के लिए भी कार्रवाई की जाए. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन इस मामले में कार्रवाई नहीं करता है, तो उन्हें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा.

प्रशासन की जिम्मेदारी

सरकारी जमीन पर कब्जे की समस्या को हल करना प्रशासन की जिम्मेदारी है. प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में तुरंत कार्रवाई करे और सरकारी जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करे. साथ ही, सरकारी विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच समन्वय बनाकर इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है.

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