बस्तर- छत्तीसगढ़ में आज ग्राम सरकार के लिए दूसरे चरण का मतदान जारी है. मतदान को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. नक्सल प्रभावित इलाकों में बुलेट पर बैलेट भारी पड़ रहा है. लोगों का लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ रहा है. ऐसे ही एक इलाके झीरम में सुरक्षा के साए में वोटिंग जारी है. कहाँ कभी माओवाद दहशत हुआ करता था. दरभा का झीरम गांव बस्तर और सुकमा जिले के सीमावर्ती इलाके में बसा हुआ है. झीरम गांव में निर्वाचन आयोग ने 2 पोलिंग बूथ स्थापित किया है. जहां झीरम और एलेंगनार के वोटर्स वोट देते हैं. ग्राम सरकार के मतदान केंद्र नम्बर 132 और 133 में कुल 706 वोटर्स हैं. जो सुबह से ही वोटिंग करने के लिए मतदान केंद्र के बाहर लाइन में लगे हुए हैं. संवेदनशील इलाका होने के कारण सुरक्षाबल के जवानों को बूथ की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है. इस बूथ में वोटिंग करने के लिए एलेंगनार गांव के मतदाताओं को करीब 6-7 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है. ग्रामीण खड़ी पहाड़ी से उतरकर वोट देने पहुंचे हैं. सरकार इस गांव तक सड़क बनाने के काम कर रही है. लेकिन सड़क वर्षों से अधूरा होने के कारण ग्रामीणों को काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है.

25 मई 2013 को झीरम घाट में माओवादियों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था. इस घटना में कांग्रेस की एक पीढ़ी समाप्त हो गई थी. छत्तीसगढ़ के दिग्गज कांग्रेसी नेताओ की माओवादियों ने हत्या की थी. वहीं सुरक्षाबल के जवान और आम नागरिकों की भी हत्या हुई थी. घटना के दिन ग्रामीणों ने कानों में गोलियां की आवाज दोपहर से शाम तक गूंजी थी. और अब इसी गांव के वोटिंग में ग्रामीणों का उत्साह नजर आ रहा है.

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