जगदलपुर (डेस्क) – बस्तर कलेक्टर हरीश एस. ने मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत जिला बाल संरक्षण समिति की बीते कल गुरुवार को समीक्षा बैठक ली. इस बैठक में कलेक्टर ने किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति में लंबित मामलों तथा चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से मिले प्रकरणों की जानकारी ली. इस सम्बंध में जिला बाल संरक्षण अधिकारी विजय शंकर शर्मा ने लंबित प्रकरणों के सम्बंध में विस्तृत जानकारी कलेक्टर को दी.
कलेक्ट्रेट के आस्था सभाकक्ष में आयोजित इस बैठक में बस्तर कलेक्टर ने बालश्रम, बाल विवाह, दत्तक ग्रहण, प्रवर्तकता कार्यक्रम और बाल देखरेख संस्थाओं में रहने वाले बालकों के आधार कार्ड, बैंक खाता तथा आयुष्मान कार्ड के सम्बंध में जानकारी ली. इसके बाद कलेक्टर ने बाल संस्थाओं के अधीक्षकों को संस्थाओं में रहने वाले सभी बच्चों के आधार कार्ड, बैंक खाता और आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए. वहीं इस बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकारी एवं श्रम विभाग ने बालश्रम के विषय में कलेक्टर को बताया कि इस वर्ष कुल 6 बालश्रम के प्रकरण श्रम न्यायलय में दर्ज किए गए. जिसमें 4 प्रकरणों में जुर्माना अधिरोपित किया गया है. वहीं 2 प्रकरण श्रम न्यायलय में लंबित है. बैठक में कलेक्टर ने सभी सम्बंधित विभागों को बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के संचालन के लिए सम्बंधित विभाग को आपस में समन्वयन स्थापित कर जिले में पूर्ण रूप से बाल विवाह पर रोकथाम कर बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने में तत्पर रहने के निर्देश दिए. इस दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा सभी पर्यवेक्षक (महिला एवं बाल विकास विभाग) और प्रत्येक ग्राम पंचायत सचिव (पंचायत एवं ग्रामीण विभाग) को बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है. जिसकी अधिसूचना राजपत्र में जारी किया गया है. प्रत्येक ग्राम और शहर के वार्ड विवाह मुक्त घोषित कर कलेक्टर के माध्यम से बाल विवाह मुक्त ग्राम एवं वार्ड का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इस सम्बंध में कलेक्टर ने शिक्षा विभाग को हर माह स्कूल त्यागी बालकों की जानकारी जिला बाल संरक्षण इकाई को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. जिससे बालकों की वर्तमान स्थिति की जानकारी लेकर बाल विवाह रोके जाने में सहायता और उनके पुनर्वास की कार्यवाही की जा सके. अंत में कलेक्टर ने बाल अधिकार संरक्षण के लिए सभी विभागों को आपस में समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए. इस बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, लोक निर्माण विभाग के अलावा बाल देखरेख संस्थाओं के अधीक्षक और बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे.